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काम के बाद ऑटो रिक्शा चलाता दिखा माइक्रोसॉफ्ट का IT इंजीनियर, मूनलाइट की वजह जानेंगे तो आप भी रह जाएंगे दंग



बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपनी एक रेगुलर नौकरी के साथ-साथ कुछ दूसरे काम भी करते हैं. ये काम पार्ट टाइम भी हो सकते हैं या फिर फ्री लांस भी हो सकता है. ऐसे कामों का मकसद सिर्फ एक ही है कि थोड़ी अर्निंग ज्यादा हो सके और परिवार का खर्च आराम से चल सके, लेकिन आईटी हब में तब्दील हुआ शहर बेंगलुरु इस मामले में भी अलग साबित हो रहा है. इस शहर में बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करने वाले और अच्छी सैलरी उठाने वाले आईटी एक्सपर्ट्स भी पार्ट टाइम काम कर रहे हैं. काम भी ऐसा वैसा नहीं वो ऑटो चलाने जैसा काम कर रहे हैं.

यहां देखें पोस्ट

ऑटो चालक बना आईटी एक्सपर्ट

बेंगलुरु की एक कंपनी में काम करने वाले टेक्नोक्रेट वेंकेटेश गुप्ता ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से ये पिक पोस्ट की है, जिसके लिए उन्होंने लिखा कि, 35 साल का एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोरमंगल में नम्मा ऑटो रिक्शा चला रहा है. इस इंजीनियर ने माइक्रोसॉफ्ट की हुडी पहनी थी, जिससे पता चला कि वो माइक्रोसॉफ्ट का एंप्लॉई है. वेंकटेश गुप्ता ने इसका कारण भी बताया है. उनके पोस्ट के अनुसार, अकेलेपन से निपटने के लिए इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने ये तरीका चुना. उनकी पोस्ट में आप वो पिक भी देख सकते हैं, जिसमें एक ऑटो चालक माइक्रोसॉफ्ट की हुडी पहने हुए दिखता है.

‘ग्रेट ऑप्शन’

इस पोस्ट को देखने के बाद एक यूजर ने लिखा कि, टेक इंड्स्ट्री के बढ़ने के साथ-साथ अकेलापन भी बढ़ ही रहा है. ये सच्चाई है कि एडवांस टेक्नोलॉजी भी लोगों से मेल मुलाकात का ऑप्शन नहीं हो सकती. एक और यूजर ने लिखा कि, मेंटल हेल्थ को बनाए रखने के लिए ये ग्रेट तरीका है. इस यूजर ने एक और इंजीनियर के बारे में बताया जो बार टेंडर का काम करता था. असल में लोग इसे अकेलेपन से उभरने का एक अच्छा जरिया मान रहे हैं, जिसके तहत नए-नए लोगों से मिलना और बातें करने का काम हो सकता है. आपको बता दें कि, जब कोई शख्स अपने एंप्लॉयर से छिपा कर दूसरा काम करता है तो उसे मूनलाइट कहा जाता है.

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