कांग्रेस सांसद तारिक अनवर बोले, 'चुनाव के दौरान मुस्लिम महिलाओं का बुर्का उतरवाना संविधान का उल्लंघन'
<p style="text-align: justify;"><strong>Delhi News:</strong> कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने मंगलवार को मीडिया से खास बातचीत में कई अहम मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की. इस दौरान उन्होंने हिमाचल भवन को लेकर हाईकोर्ट के फैसले, समाजवादी पार्टी द्वारा चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र और शरद पवार के भाजपा के 400 पार वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी.</p>
<p style="text-align: justify;">हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोर्ट ने तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया होगा, और यह एक न्यायिक मामला है. कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह उसके दृष्टिकोण से सही होगा. हम इसे न्यायिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में देखते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">समाजवादी पार्टी द्वारा चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र में यह मांग की गई है कि वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिलाओं का बुर्का न उतारा जाए और उन्हें चेकिंग से राहत दी जाए. इस पर तारिक अनवर ने समाजवादी पार्टी का समर्थन करते हुए कहा कि यह एक बहुत सही कदम है. हमारी देश में एक परंपरा है, जो आजादी के बाद से चली आ रही है. हमें उस परंपरा को बनाए रखने की आवश्यकता है. किसी महिला को बुर्का उतारने के लिए मजबूर करना या पुलिस को उसकी पहचान को चेक करने का अधिकार देना, संविधान के विपरीत है. यह दुखद है कि अगर सरकार के निर्देश पर ऐसा हो रहा है, तो यह संविधान का उल्लंघन है.</p>
<p style="text-align: justify;">शरद पवार द्वारा बीजेपी के 400 पार के नारे पर उठाए गए सवाल पर तारिक अनवर ने कहा कि शरद पवार ने बिलकुल सही सवाल उठाया है. चुनावों से पहले भाजपा के कई सांसद, मंत्री और नेता यह कह रहे थे कि यदि वे पूर्ण बहुमत से सत्ता में आए, तो संविधान को बदलने की आवश्यकता है. उनका मकसद संविधान में संशोधन के नाम पर उसे बदलने का था. यह पूरी तरह से उनकी नीयत को दर्शाता है. संविधान को बदलने का विचार लोकतंत्र के खिलाफ है और यह देश के लिए खतरनाक हो सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;">यह भी पढ़ें- <strong><a href="https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/grap-stage-4-restrictions-livelihood-crisis-of-daily-wage-workers-in-delhi-2826546">’अपने बच्चों को क्या खिलाएंगे’, दिल्ली में प्रदूषण से लगी पाबंदियों से गहराया मजदूरों का संकट</a></strong></p>
Source link