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उत्तर प्रदेश बना दवा निर्माण का नया केंद्र, 20 प्रमुख चिकित्सा संस्थानों ने क्लिनिकल ट्रायल को


UP News: उत्तर प्रदेश में दवा निर्माण और क्लिनिकल ट्रायल के क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज हुआ है. यूपी में फार्मास्यूटिकल सेक्टर के लिए पहली बार स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को मंजूरी दी है. इसके तहत, प्रदेश के 20 प्रमुख चिकित्सा संस्थानों ने दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल को स्वीकृति देते हुए इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फार्मा सेक्टर के लिए एसओपी को मंजूरी देते हुए 9.50 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. इस पहल का उद्देश्य प्रदेश में दवा उत्पादन और परीक्षण की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है, जिससे उत्तर प्रदेश दवा निर्माण के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सके.

राज्य के 20 प्रमुख चिकित्सा शिक्षा संस्थानों ने दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल को ऑन बोर्ड किया है. इन संस्थानों में अब क्लिनिकल ट्रायल्स संचालित किए जाएंगे, जिसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण और मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार की गई हैं. यह कदम प्रदेश के फार्मा क्षेत्र को वैश्विक मानकों के अनुसार प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक होगा.

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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है जिसमें चिकित्सा क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.फार्मा उद्योग से जुड़ी कार्यप्रणालियों और मानकों को एकरूप बनाने के लिए विशेषज्ञों का चयन किया जाएगा. 20 चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में डॉक्टरों और चिकित्सकों को क्लिनिकल ट्रायल और गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए प्रमुख संस्थाओं के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो दवाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.



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