उज्जैन में हल्ला बोल आंदोलन के तहत सड़क पर उतरी कांग्रेस, बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
<p style="text-align: justify;"><strong>MP News: </strong>उज्जैन में कांग्रेस का हल्ला बोल आंदोलन के तहत ज्ञापन सौंपने के लिए कांग्रेस नेताओं को 2 किलोमीटर पैदल चलना. आंदोलन के दौरान कुछ समय के लिए हंगामा जैसी स्थिति बनी मगर बाद में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर आंदोलन को समाप्त कर दिया.<strong><br /></strong></p>
<p style="text-align: justify;">उज्जैन में हल्ला बोल आंदोलन के तहत आज (शुक्रवार) कांग्रेस सड़क पर उतरी. नेताओं ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि उज्जैन जिले में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. इसके अलावा मकान को तोड़ने की कार्रवाई भी की जा रही है. कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर कांग्रेस मैदान में उतरी है. आम सभा को संबोधित करने के बाद कांग्रेस नेता पैदल मार्च करते हुए कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे.</p>
<p style="text-align: justify;">विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन के बाहर पुलिस ने चारों तरफ बैरिकेडिंग कर रखी थी. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर अंदर घुसने की कोशिश की. पुलिस की सख्ती के आगे प्रदर्शनकारियों को पीछे लौटना पड़ा. हल्ला बोल आंदोलन के दौरान हंगामे की स्थिति बन गयी. कांग्रेस के नेता कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को ही ज्ञापन देने पर अड़ गए. कोठी पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित विधायक ने भी धरना दे दिया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हल्ला बोल आंदोलन के तहत सड़क पर उतरी कांग्रेस</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हंगामा बढ़ता देख कलेक्टर ने बाहर निकलकर कांग्रेस का ज्ञापन लिया. जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर हल्ला बोल आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी. विधायक महेश परमार ने बताया कि 2 किलोमीटर तक हजारों की संख्या में कार्यकर्ता पैदल चलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा था. बैरिकेडिंग पर चढ़ रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस की सख्ती के आगे पीछे लौटना पड़ा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बवाल की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हल्ला बोल आंदोलन में बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किये थे. पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि 500 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. आंदोलन शांतिपूर्ण निपटने के कारण वरुण, वज्र और वाटर कैनन का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों पर नहीं करना पड़ा. इससे पहले कांग्रेस ने इंदौर, सागर और छतरपुर में हंगामेदार प्रदर्शन किया था.</p>
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