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इस डाइट से मलाइका अरोड़ा, शहनाज गिल से लेकर राम कपूर ने घटाया वजन, जानिए क्या किया फॉलो



Intermittent Fasting :  सेलिब्रिटीज की फिटनेस को देखकर अक्सर लोग सोचते हैं कि आखिर ये इतने फिट एंड टोन्ड क्यों नजर आते हैं. कुछ सेलिब्रिटी तो ऐसे हैं जिनका वजन ज्यादा था लेकिन कुछ सालों में फिट नजर आने लगे. याद कीजिए कुछ साल पुरानी भारती सिंह, राम कपूर या फिर बिग बॉस से फेम शहनाज गिल. इन तीनों की वेट लॉस जर्नी (Weight Loss) और ट्रांसफर्मेशन हैरान करने वाली है. जिन्हें देखकर लोग जरूर जानना चाहेंगे कि वो कौन सा तरीका है जिससे इन तीनों को वेट लॉस में मदद मिली. जिस डाइट प्लान (Diet Plan) को फॉलो कर इन तीनों ने अपना वजन घटाया है या मलाइका अरोड़ा जैसे सेलिब्रिटी फिट (Celebrity Fitness) रहते हैं, उस डाइट को कहते हैं ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’. इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर लोगों में बहुत से कंफ्यूजन हैं. हम आपको बताते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कितने तरह की होती है. और, इसके फायदे, नुकसान क्या-क्या हैं.

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क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग और इसके प्रकार – What Is Intermittent Fasting And Its Types

इंटरमिटेंट फास्टिंग ऐसी डाइट होती है, जिसमें निश्चित अंतराल के लिए भूखा रहा जाता है. यानी कि फास्ट किया जाता है. ये अलग अलग तरह से होती है.

पहला तरीका– 16 घंटे तक कुछ नहीं खाना पीना. इसे फॉलो करने वाले के पास सिर्फ आठ घंटे की विंडो होती है. जिसमें वो एक निर्धारित डाइट ले सकते हैं.

दूसरा तरीका– ये डाइट होती है 5:2 की डाइट. इसके तहत लोग पांच दिन नॉर्मल किस्म की डाइट लेते हैं. सप्ताह के दो दिन ऐसा खाना लेते हैं, जिसमें कैलोरीज की मात्रा बहुत ही कम होती है.

तीसरा तरीका – ये तरीका होता है एक दिन छोड़कर एक दिन उपवास करने का. यानी कि अल्टरनेट डे फास्ट करना.

चौथा तरीका – ये इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे टफ तरीका कहा जा सकता है. इसे फॉलो करने वाले सिर्फ चार घंटे कुछ खा सकते हैं. बाकी के बीस घंटे उन्हें फास्ट करना होता है.

क्या हैं इसके फायदे – Benefits Of Intermittent Fasting

इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों की वेट लॉस जर्नी आसान हो जाती है. वो कम समय के लिए खाते हैं, जिससे पेट पर जोर नहीं पड़ा. इस वजह से मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है.

इस तरह की फास्टिंग से इंसुलिन का रिस्पॉन्स भी शरीर में बेहतर होता है. जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करना भी आसान होता है.

फास्टिंग की वजह से बॉडी को डिटॉक्स होने का पूरा मौका मिलता है. जिस वजह से फ्री रेडिकल्स को शरीर आसानी से दूर कर पाता है और सेल्स की सेहत बेहतर होती है.

इंटरमिटेंट फास्टिंग से शरीर की पूरी प्रोसेस बेहतर होती है, जिसमें ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को भी शामिल किया जा सकता है. ये सभी चीजें घटती या बढ़ती हैं तो दिल की सेहत पर असर पड़ता है. इस लिहाज से इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों का दिल भी हेल्दी रहता है.

क्या हैं इसके नुकसान – Disadvantage of Intermittent Fasting

इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के दौरान सबसे ज्यादा जरूरी है न्यूट्रिशन्स का ध्यान रखना. चूंकि ईटिंग विंडो बहुत कम होती है. ऐसे समय में पोषक तत्व कम खाएं जाएं तो उससे शरीर को नुकसान होता है.

अगर पूरा पोषण नहीं मिलता या बॉडी को ज्यादा एनर्जी नहीं मिलती तो इस तरह की फास्टिंग करने वाले थकान या फिर चक्कर भी महसूस कर सकते हैं.

वैसे तो इंटरमिटेंट फास्टिंग से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है. लेकिन पेट को कम और हल्का खाने पचाने की ही आदत रह जाती है. ऐसे में कभी फूड पैटर्न में बदलाव आता है तो मेटाबॉलिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

इस तरह चुनें सही प्लान – How To Choose Right Plan

सिर्फ ये सुनकर की इंटरमिटेंट फास्टिंग करना फायदेमंद है, इसे फॉलो न करें. अपने शरीर की रिक्वायरमेंट को समझते हुए ही इसे प्लान करें.

ये ध्यान रखें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय खाना निश्चित समय पर खाना है. खुद को हाइड्रेट रखने के लिए आप अलग अलग चीजों का सेवन कर सकते हैं. जैसे हर्बल टी या बिना शुगर वाले जूस.

ईटिंग विंडो में खाना खाते समय ये ध्यान रखें कि आपको सब तरह के न्यूट्रिशन मिलें. ताकि शरीर की जरूरत पूरी होती रहे. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.




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