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आप ने मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज से जंगपुरा क्यों भेजा, क्या अवध ओझा दे पाएंगे BJP को चुनौती




नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी की. इसमें 20 उम्मीदवारों के नाम हैं. लेकिन इस लीस्ट की जो सबसे चौकाने वाली बात है, वह यह है कि आप ने दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले मनीष सोसिदिया की सीट बदल दी है. उनकी जगह पर अभी कुछ दिन पहले शामिल हुए यूट्यूबर शिक्षक अवध ओझा को टिकट दिया गया है.सिसोदिया जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ेंगे. आप के इस फैसले ने राजनीतिक विश्लेषकों को चौकाया है, हालांकि राजनीतिक हलके में इस बदलाव की चर्चा पहले से ही थी.आइए जानते हैं कि आप ने यह फैसला किन वजहों से लिया है. 

आप ने क्यों बदली मनीष सिसोदिया की सीट

मनीष सिसोदिया 2020 में पटपड़गंज से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए थे.ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि उनको अपनी सीट बदलनी पड़ी. और ऐसा क्या है कि तीन दिन पहले पार्टी में शामिल हुए अवध ओझा की इतनी महत्वपूर्ण सीट से उम्मीदवार बना दिया गया. दरअसल आम आदमी पार्टी के आंतरिक सर्वे में पटपड़गंज विधानसभा सीट पर पार्टी की हालत कमजोर बताई गई थी. इसी वजह से पार्टी ने मनीष सिसोदिया की सीट बदलने की सोची. मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज से पहला चुनाव 2013 में जीता था. उस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के नकुल भारद्वाज को हराया था. उस चुनाव में मनीष सिसोदिया को 50 हजार 211 वोट मिले थे. वहीं भारद्वाज को 38 हजार 735 वोट मिले थे. मनीष ने अपना पहला चुनाव 11 हजार 476 वोट के अंतर से जीता. मनीष ने अपना दूसरा चुनाव पटपड़गंज से ही जीता था. उस चुनाव में उन्हें 75 हजार 243 वोट मिले थे. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के विनोद कुमार बिन्नी को 46 हजार 452 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. मनीष ने यह चुनाव 28 हजार 791 वोटों के भारी अंतर से जीता. वहीं 2020 के चुनाव में मनीष को बहुत मुश्किल से जीत नसीब हुई थी. मतगणना के दौरान वो कई बार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के रविंद्र सिंह नेगी से पिछड़ते नजर आए थे. इस चुनाव में सिसोदिया को 70 हजार 163 और नेगी को 66 हजार 956 वोट मिले थे.सिसोदिया यह चुनाव मात्र तीन हजार 207 वोट के अंतर से ही जीत पाए थे. 

पटपड़गंज में कम हुआ मनीष के जीत के अंतर ने पार्टी को सोचने पर मजबूर कर दिया. यही वजह है कि 2024 के चुनाव में भी पार्टी को पटपड़गंज में अपनी हालत पतली नजर आ रही है. 

पटपड़गंज की लड़ाई

मनीष सिसोदिया आबकारी नीति में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप में करीब 17 महीने जेल में रहे. वो इस साल अगस्त में तिहाड़ जेल से रिहा हुए थे. जेल में रहने की वजह से पटपड़गंज में विकास कार्य प्रभावित हुए हैं. सिसोदिया की गैर मौजदगी में बीजेपी ने पटपड़गंज में काफी काम किया और अपनी स्थिति को मजबूत किया है. इससे पार्टी को लगा कि इस वजह से उसे पटपड़गंज में एंटी इंकंबेंसी का सामना करना पड़ सकता है. यह स्थिति मनीष सोसिदिया जैसे नेता के लिए खतरनाक हो सकती है. इसलिए आप ने मनीष सिसोदिया के लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश करनी पड़ी. अगर सिसोदिया को पटपड़गंज में हार मिल जाती तो आम आदमी पार्टी के लिए शर्मनाक स्थिति होती, क्योंकि अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि उनकी और सिसोदिया की जीत उनके लिए ईमानदारी के प्रमाणपत्र की तरह होगी. 

जंगपुरा विधानसभा को सुरक्षित मानते हुए आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया को वहां से टिकट दिया है. वहीं जंगपुरा के निवर्तमान विधायक प्रवीण कुमार को चुनाव लड़ने के लिए जनकपुरी भेजा गया है. प्रवीण कुमार ने जंगपुरा सीट पर 2020 और 2015 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. उन्होंने 2020 का चुनाव 15 हजार से अधिक वोटों और 2015 का चुनाव करीब 23 हजार के अंतर से जीता था. इस बार उन्हें चुनाव लड़ने के लिए जनकपुरी भेजा गया है.   

अवध ओझा के लिए पटपड़गंज में कितनी संभावना है

दूसरा सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी ने तीन दिन पहले पार्टी में शामिल हुए व्यक्ति को पटपड़गंज से उम्मीदवार क्यों बनाया है. इसकी वजह है इस विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या. इस इलाके में उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या अधिक है. यही वजह है कि 2020 के चुनाव में बीजेपी के रविंद्र सिंह नेगी 66 हजार से अधिक वोट ला पाने में कामयाब हो गए थे. आप ने जिन अवध ओझा को पटपड़गंज से उम्मीदवार बनाया है, वो पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के रहने वाले हैं. इसके अलावा वो सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की संख्या बहुत अधिक है. आप ओझा की लोकप्रियता और उनके सोशल मीडिया मौजूदगी को भुनाना चाहती है. 

आप की दूसरी लिस्ट में दो और नाम ऐसे हैं जो पिछले हफ्ते ही पार्टी में शामिल हुए हैं. बीजेपी छोड़कर आप में शामिल हुए जितेंद्र सिंह शुंटी को शाहदरा और सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू को तिमारपुर से टिकट दिया गया है.शाहदरा से पिछला चुनाव राम निवास गोयल ने जीता था. उन्होंने पिछले हफ्ते उम्र का हवाला देते हुए चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी. इसी तरह की घोषणा करने वाले तिमारपुर के विधायक दिलीप कुमार पांडेय की जगह सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू को टिकट दिया गया है. 

सोमवार को घोषित आम आदमी पार्टी की सूची दूसरी थी. इससे पहले आप ने अपनी पहली सूची 21 नवंबर को जारी की थी.इसमें 11 उम्मीदवारों के नाम थे. इस तरह आप ने 70 में से 31 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है.

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