आतंकवाद, संप्रभुता… पाक की जमीं से ही जयशंकर की खरी-खरी, पाकिस्तान-चीन को एक साथ सुना दिया
पाकिस्तान को सुनाया: एस जयशंकर ने SCO की बैठक को संबोधित करते हुए चीन और पाकिस्तान को सीधे-सीधे सुनाया. उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान, संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए; इसे क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए.
आतंकवाद पर खरी-खरी: एस जयशंकर ने पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान और चीन को खरी-खरी सुनाई है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
UNSC में बढ़ाई जाए भागीदारी: एस जयशंकर ने कहा कि SCO को कोशिश करनी चाहिए कि वह वैश्विक संस्थाएं रिफॉर्म्स के साथ कदम से कदम मिलाकर चले. इसकी कोशिश भी होनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भागीदारी बढ़ाई जाए.
चार्टर जरूरी: देश मंत्री जयशंकर ने सहयोग के लाभ प्राप्त करने के लिए समूह के चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि ये बेहद जरूरी है कि हम इन बातों का भी ख्याल रखें.
तीन बुराइयों का मुकाबला जरूरी: एस जयशंकर ने कहा कि SCO के सदस्य देशों को तीन बुराइयों का दृढ़ता के साथ मुकाबला करना चाहिए. मौजूदा समय में ये और भी जरूरी हो जाता है. इसके लिए ईमानदार बातचीत, विश्वास, अच्छे पड़ोसी और एससीओ चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता है.
प्रौद्योगिकी में संभावना: SCO की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन यह कई चिंताएं भी पैदा करती है.
ऋण एक चिंता: उन्होंने कहा कि ऋण गंभीर चिंता का विषय है, विश्व सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में पीछे रह गया है.
ये कठिनाई का दौर है: एस जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे समय में बैठक कर रहे हैं जब दुनिया कठिनाई के दौर से गुजर रही है; दो बड़े संघर्ष जारी हैं, जिनका पूरे विश्व पर असर होगा.
आतंकवाद का खात्मा जरूरी: उन्होंने कहा कि हर हाल में आतंकवाद का खात्मा जरूरी है. बगैर आतंकवाद को खत्म किए कोई भी देश विकास की कल्पना नहीं कर सकता.
CPEC की ओर इशारा: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने CPEC की ओर इशारा करते हुए कहा है कि यदि हम दुनिया की चुनिंदा प्रथाओं को ही आगे बढ़ाएंगे खासकर व्यापार और व्यापारिक मार्गों के लिए sco की प्रगति नहीं हो पाएगी.