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आंध्र प्रदेश में BJP ने कैसे किया करिश्मा, चंद्रबाबू और पवन का कितना मिला साथ




नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव का मतदान शनिवार शाम को पूरा हो गया. इसके बाद एग्जिट पोल के नजीते घोषित किए गए. केंद्र में सरकार चला रही बीजेपी के लिए हर राज्य से राहत भरे नजीते आए. इन एग्जिट पोल के मुताबिक नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने जा रहे हैं. एनडीटीवी ने सभी एग्जिट पोल का औसत निकाला है, इसके मुताबिक बीजेपी और उसके सहयोगियों को 361 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन को 145 और अन्य को 37 सीटें मिलने का अनुमान है. बीजेपी के लिए सबसे अच्छी खबर दक्षिण भारत के राज्यों से आती दिख रही है. आंध्र प्रदेश में बीजेपी टीडीपी के और अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी रही है. सभी एग्जिट पोल में इस गठबंधन को राज्य की 25 में से 20 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.हालांकि अंतिम नतीजे चार जून को चुनाव परिणाम आने के बाज ही पता चल पाएगा. आइए जानते हैं कि आंध्र में मिल रही बीजेपी की सफलता के पीछे की कहानी क्या है.

क्या कह रहे हैं Exit Poll के नतीजे

इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक आंध्र प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 21 से 23 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. इनमें से चार से छह सीटें बीजेपी और टीडीपी को 13 से 15 सीटें मिल सकती हैं. इसके मुताबिक आंध्र में इंडिया गठबंधन अपना खाता भी नहीं खोल पाएगा.वहीं वहां सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस के खाते में दो से चार सीटें जाती हुई दिखाई गई हैं. अगर इसे हम वोट शेयर के रूप में देखें तो पाएंगे कि एनडीए 53 फीसदी और इंडिया गठबंधन को चार फीसदी वोट मिल सकता है. 

बीजेपी ने 2014 के चुनाव में आंध्र प्रदेश में 7.2 फीसदी वोटों के साथ दो सीटें जीती थीं. लेकिन 2019 के चुनाव में बीजेपी शून्य पर सिमट गई थी. उसका वोट शेयर भी गिरकर केवल एक फीसदी ही रह गया.इससे परेशान बीजेपी ने अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए सहयोगी तलाशा.उसे तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) और अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की जनसेना का साथ मिला. तीनों दलों के समझौते के मुताबिक बीजेपी छह, टीडीपी 17 और जनसेना दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है.साल 2019 के चुनाव में टीडीपी ने तीन सीटें जीती थीं.इससे पहले 2014 के चुनाव में टीडीपी को 40.8 फीसदी वोटों के साथ 15 सीटें जीती थीं. बीजेपी के लिए यह समझौता लाभदायक नजर आ रहा है. इससे उसकी सीटें शून्य से बढ़कर करीब छह सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.

विधानसभा चुनाव में नहीं चला जगन का जादू

कुछ-कुछ ऐसे ही ट्रेंड आंध्र प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भी देखने को मिल रहे हैं. विभिन्न एग्जिट पोल में आंध्र में एनडीए की सरकार बनती दिखाई दे रही है. इसका मतलब यह हुआ कि राज्य की वाईएसआर कांग्रेस की सरकार से जनता खुश नहीं है. उसे जब मौका मिला है तो वह वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार को विधानसभा और लोकसभा दोनों के चुनावों में हराने का मन बना लिया है. इसका एक आकलन यह भी है कि एनडीएन में शामिल तीनों दल अपना-अपना वोट एक-दूसरे की पार्टी को ट्रांसफर करा पाने में सफल रहे हैं. इसी का परिणाम है कि पिछले चुनाव में शून्य सीट पाने वाली बीजेपी के लिए चार-छह सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है.वहीं जगन की बहन वाई एस शर्मिला के कांग्रेस में शामिल होने और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर विराजमान होने का कोई फायदा होता हुआ नहीं दिख रही है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को शून्य सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. 

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