अमेरिका में मंदी की आशंका से वैश्विक बाजार धराशाई, 10% तक फिसले
मुंबई:
अमेरिका में मंदी की आहट से वैश्विक बाजारों में सोमवार को 10 प्रतिशत तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली. एशिया के ज्यादातर बाजारों में दबाव के साथ कारोबार हो रहा है.जापान के शेयर बाजार में गिरावट का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है. बेंचमार्क निक्केई 10 प्रतिशत फिसल गया है. सोल के बाजार 8 प्रतिशत, ताइपे 4.5 प्रतिशत, जकार्ता 2 प्रतिशत, हांगकांग 1.43 प्रतिशत और शंघाई के बाजार में करीब एक प्रतिशत की गिरावट है.
दक्षिण कोरियाई न्यू एजेंसी योनहाप ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गिरावट के साथ स्थानीय शेयर बाजार के बेंचमार्क केओएसपीआई 200 में पांच मिनट के लिए कारोबार रोक दिया गया.
दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार अमेरिका में भी बड़ी गिरावट
दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार अमेरिका में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को डाओ 1.51 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ था, यह लगातार दूसरा दिन था, जब डाओ में गिरावट देखने को मिली.अमेरिकी में गिरावट का कारण निराशाजनक जॉब डेटा का आना है, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का संकेत दिया है.
वैश्विक बाजारों में गिरावट का भारतीय शेयर बाजार में असर
वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार में भी सोमवार को देखने को मिला. सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भी बड़ी गिरावट के साथ खुले. सुबह 11 बजकर 24 मिनट पर, बीएसई सेंसेक्स 2,673 अंक यानी 3.30% की गिरावट के साथ 78,309.18 पर कारोबार कर रहा था. निफ्टी 50 भी 804 अंक यानी 3.25% गिरकर 23,913.50 पर था.
अमेरिका में खराब जॉब डेटा के कारण बाजार में बिकवाली
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि वैश्विक बाजारों में लगातार आ रही खराब खबरों के कारण गिरावट देखने को मिल रही है. जापान ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं, जिसके कारण दुनियाभर में लगा जापान का पैसा वापस वहां की अर्थव्यवस्था में जाने की उम्मीद है.वहीं, अमेरिका में भी जॉब डेटा खराब आया है, जिसके कारण बाजार में बिकवाली देखने को मिल रही है.
मध्य पूर्व में तनाव के चलते भी बाजार में गिरावट
एक अन्य एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार में रैली की प्रमुख वजह थी कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सबकुछ ठीक चल रहा है. जुलाई में अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने इन सभी पर पानी फेर दिया है. अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है. मध्य पूर्व में तनाव ने इसको और अधिक बढ़ा दिया है, जिसके कारण बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है.