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अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक होंगी तुलसी गबार्ड, जानिए भारत से क्या है रिश्ता



Tulsi Gabbard US New Director Of National Intelligence: अमेरिकी सीनेट ने तुलसी गबार्ड के अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग में निदेशक के रूप में नियुक्ति की मंजूरी दे दी है. गबार्ड को अब अपदस्थ सीरियाई नेता बशर अल-असद के साथ उनकी 2017 की बैठक और क्रेमलिन का पक्ष लेने पर सीनेट में सवालों का सामना करना पड़ा. गबार्ड ने 52-48 फ्लोर वोट से जीत हासिल की. 

कौन हैं तुलसी गबार्ड

तुलसी भारतीय मूल की हैं. तुलसी भारत की बड़ी समर्थक मानी जाती हैं और खुलकर भारत के समर्थन में बयान देती रही हैं. तुलसी गबार्ड का जन्म अमेरिका के समोआ में हुआ था. तुलसी गबार्ड की मां को हिंदू धर्म में काफी रुचि थी. इसलिए उनकी मां ने उनका नाम तुलसी रखा दिया. तुलसी गबार्ड ने हिंदू धर्म अपनाया है. गबार्ड ने अमेरिका की सेना में रहते हुए इराक में सेवाएं दीं थी.

तुलसी अमेरिका की पहली हिंदू सासंद हैं. तुलसी गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व नेता थी और कमला हैरिस की मुखर विरोधी रही हैं. तुलसी ने साल 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ी थी. बाद में वह रिपब्लिकन में शामिल हो गईं.

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय सीरिया के गृह युद्ध में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ भी वो बोल चुकी हैं और यहां तक कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अमेरिका के सहयोगी यूक्रेन पर आक्रमण करने तक को सही ठहराया था. 

डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग में निदेशक बनाने के ऐलान पर अमेरिका में कहा जा रहा था कि तुलसी के पास ख़ुफ़िया कार्य का सीधा अनुभव बहुत कम है और ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें इस पद नियु्क्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि जिस विभाग में तुलसी को निदेशक बनाया गया है, वह 18 जासूसी एजेंसियों की देखरेख करता है.





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