अब मान-सम्मान पर चल रहा बुलडोजर… हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहा चबूतरा तोड़ा तो भड़के अखिलेश यादव
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश स्थित गोरखपुर में पंडित हरिशंकर तिवारी की मूर्ति के लिए बने चबूतरे को कथित तौर पर प्रशासन ने तोड़ दिया है. यह दावा उनके बेटे और पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी ने किया है. इस मामले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने टिप्पणी की है.
अखिलेश ने लिखा- अब तक भाजपा का बुलडोज़र दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है. प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके. निंदनीय!
भीष्म शंकर तिवारी ने क्या कहा?
वहीं एक फेसबुक पोस्ट में भीष्म शंकर तिवारी ने इस पूरे घटनाक्रम को अराजकता करार दिया. उन्होंने लिखा- यह राजनैतिक अराजकता है .. प्रशासनिक गुंडई है ..या सत्ता का अहंकार .. नीचता निकृष्टता की पराकाष्ठा या व्यक्तिगत शत्रुता.. ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती या समूची इन्सानियत की हत्या .. यह निर्णय समय पर चिल्लूपार विधान सभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है !
पूर्व सांसद ने लिखा- वस्तुत: हो यह रहा है कि लगातार चिल्लूपार से सात बार विधायक और सन 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की भिन्न भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे सम्मान व स्वाभिमान के प्रतीक स्व. पण्डित हरि शंकर तिवारी जी के जन्म दिवस 5 अगस्त को उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करने का मन बनाकर मेरे गांव टाड़ा के ग्रामप्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया.
सपा नेता ने लिखा कि विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति हेतु उपजिलाधिकारी तहसील गोला को प्रेषित किया और अपनी तैयारी में लग गए. स्व.पंडित हरिशंकर तिवारी के कद पद प्रतिष्ठा सम्मान के अनुरूप उन्हे अपनी श्रद्धांजलि देने हेतु ग्राम वासियों के अतिरिक्त अन्य कई सारे वरिष्ठ नेताओं पूर्व मंत्रियों और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति होनी है सो स्वाभाविक रूप से इस आयोजन को एक भव्य स्वरूप देने की तैयारी चल रही थी कि अचानक आज दिनांक 31 जुलाई को मूर्ति स्थापना हेतु निर्मित चबूतरे को ढहाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बुल्डोजर वाली सरकार बुल्डोजर के साथ पहुंची और निर्मित चबूतरे को ढहा दिया गया.