'अब तो शुरू कर दो', CJI चंद्रचूड़ को सुनवाई के बीच क्यों लगानी पड़ी वकीलों से गुहार?
<p style="text-align: justify;">मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India, CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार (19 सितंबर, 2024) को वकीलों से इलेक्ट्रॉनिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (ई-एससीआर) इस्तेमाल करने के लिए गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि अब ई-एससीआर के जरिए फैसलों का तटस्थ उद्धरण (Citation) करें. </p>
<p style="text-align: justify;">मुख्य न्यायाधीश ने यह बात एक मामले की सुनवाई के दौरान कही. उनके साथ पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी थे. मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों से सुनवाई के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (ई-एससीआर) से निर्णयों के तटस्थ उद्धरण देने भी आग्रह किया. सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में वकीलों, कानून के छात्रों और आम जनता को अपने निर्णयों तक नि:शुल्क पहुंच प्रदान करने के लिए ई-एससीआर परियोजना शुरू की थी. वकील ई-एससीआर का उपयोग करते हुए सुनवाई के दौरान अपनी दलीलों के समर्थन में पिछले निर्णयों का हवाला देते हैं. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘कृपया (मामलों के) तटस्थ उद्धरणों को संदर्भित करने के लिए हमारे ई-एससीआर का उपयोग करें.'</p>
<p style="text-align: justify;">इस दोरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि कि आजादी के बाद से सुप्रीम कोर्ट के लगभग 37 हजार फैसलों का हिंदी में ट्रांसलेट किया गया है और अब उनका अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की प्रक्रिया जारी है. सीजेआई ने बताया कि हिंदी के बाद अब तमिल सबसे आगे है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसलों का संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की प्रक्रिया में है. संविधान की आठवीं अनुसूची में हिंदी, असमिया, बंगाली, बोडो और डोगरी सहित 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है. </p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का अनुवाद अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) मदद से क्षेत्रीय भाषाओं में किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे देश भर की जिला अदालतों तक पहुंच सकें. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि अंतिम अनुवाद की समीक्षा मानवीय हस्तक्षेप के माध्यम से की जाती है. अनुवाद में मानवीय हस्तक्षेप के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने एआई की सीमा का उल्लेख किया और कहा कि यह लीव ग्रांटेड का अनुवाद अवकाश प्राप्त हुआ के रूप में करती है. कानूनी भाषा में लीव का मतलब अकसर किसी वादी को किसी विशेष उपाय का सहारा लेने के लिए अदालत की अनुमति देना होता है.</p>
<p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट ने ई-एससीआर परियोजना शुरू करते समय कहा था कि फैसले कोर्ट की वेबसाइट, इसके मोबाइल ऐप और राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) के निर्णय पोर्टल पर उपलब्ध होंगे. ई-एससीआर परियोजना सुप्रीमकोर्ट के निर्णयों का डिजिटल संस्करण प्रदान करने की एक पहल है.</p>
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