अगले 3 दिन आसमान से बरसेगी आग, 30 मई तक सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है गर्मी, बचे रहने के लिए पढ़ें
Heat Wave Explainer: एनसीआर में पारा 48 का आंकड़ा छू चुका है. लगातार खबरें हैं कि 30 मई तक हीट वेव का असर बना रहेगा. एनसीआर में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. आईएमडी के मुताबिक सोमवार के दिन सुबह से ही तेज गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. आने वाले 30 मई तक हीट वेव का असर देखने को मिलेगा. वहीं मौसम विभाग ने भारत के लोगों को चेताया है कि आने वाले महीने यानी की जून में भी उन्हें गर्मी से राहत शायद न मिले.
क्यों हर साल मई और जून में बढ़ जाती है गर्मी?
मार्च से लेकर जून तक सूरज धरती के करीब होता है. जैसे-जैसे यह धरती के करीब आता है, वैसे-वैसे सूरज ने निकलने वाले सोलर रेडिएशन भी धरती को तेजी से प्रभावित करते हैं. जिसके चलते पृथ्वि और ज्यादा तपने लगती है. जून से इसका असर कम होने शुरू होता है.
जून में भी नहीं मिलेगी गर्मी से राहत
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को पूर्वानुमान लगाते हुए कहा कि जून में देश के अधिकांश राज्यों में लू चलेगी. आईएमडी ने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों को छोड़कर जून में देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है. आईएमडी के पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले महीने के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों और मध्य भारत के आसपास के इलाकों में सामान्य से ऊपर गर्मी रहने की संभावना है.
हीटवेव खतरनाक क्यों हैं?
हीटवेव में बाहर निकलना ठीक नहीं. लेकिन ध्यान रहे चिलचिलाती गर्मी को हल्के में लेना बहुत ख़तरनाक हो सकता है. डॉक्टर्स के अनुसार हीटवेव हमारे शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकती है. हीटवेव या लू के चलते चक्कर आना, सिरदर्द, बेहोशी जैसे लक्षण दिख सकते हैं. लू लगना या हीटवेव की चपेट में आना कई बार गंभीर परिणाम दे सकता है. यह गंभीर निर्जलीकरण और ब्लड प्रेशर में गिरावट का कारण भी बन सकता है.
लंबे समय तक बढ़े तापमान में रहने से दिल, फेफड़े, गुर्दे, लिवर और दिमाग जैसे अंगों पर भी खतरा बढ़ता है. यह मस्तिष्क में सूजन का कारण भी बन सकता है. इससे घातक हीटस्ट्रोक भी हो सकता है. यहां यह जानना भी जरूरी है कि हीटवेव या लू लगने पर किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. चलिए जानते हैं.
कितना तापमान सह सकता है इंसानी शरीर?
इंसान गर्म खून वाला स्तनधारी जीव है. हमारे शरीर के तापमान को कंट्रोल करने का काम एक खास तंत्र ‘होमियोस्टैसिस’ करता है. एक्सपटर्स के अनुसार इंसानी शरीर का सामान्य तापमान 98.9 डिग्री फॉरेनहाइट होता है. इससे ज्यादा तापमान होने पर माना जाता है कि शरीर में बुखार की स्थिति है. वैज्ञानिकों के अनुसार इंसान का शरीर 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सह सकता है.
क्या हीट स्ट्रोक से हो सकती है मौत?
क्या हीट वेव, लू या हीट स्ट्रोक किसी की मौत की वजह बन सकता है. इस सवाल का जवाब पाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि लू या हीट स्ट्रोक सेहत को किस तरह प्रभावित करता है. तो हीट स्ट्रोक होने यानी लू लगने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है. इससे शरीर खुद को ठंडा करने के लिए पसीना ज्यादा निकालता है. ज्यादा दबाव के चलते पसीने में नमक और पानी की कमी हो जाती है, जिससे हेमोकोनसेंट्रेशन होता है. इसके चलते कोरोनरी और सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस बढ़ जाते हैं. बहुत ज्यादा तापमान होने पर पसीना निकालने वाला सिस्टम फेल हो सकता है. जिससे शरीर अपने तापमान को सामान्य नहीं कर पाता और हीट स्ट्रोक या लू की स्थिति बन जाती है. हां, यह सही है कि अगर हीट स्ट्रोक का तुरंत इलाज न कराया जाए, तो मौत हो सकती है.
दिल के लिए कितना खतरनाक है हीटवेव?
डॉ विकास ठाकरान ने कहा कि तापमान बढ़ने से और अधिक हॉट कंडीशन में रहने से हमारे शरीर का तापमान भी बढ़ता है. इस तापमान को कंट्रोल करने के लिए हमारे बॉडी पसीना निकालती है, जिसे ऑटो रेगुलेशन कहते हैं. पसीना निकलने का काम शरीर स्किन के जरिए करता है. ऐसे में स्किन का बल्ड फ्लो बढ़ाना जरूरी होता है, इसके लिए हार्ट तेज पंप होता है जिससे बर्ड सर्कुलेशन बढ़ता है. अगर आप स्वस्थ हैं और हार्ट से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं है तो आपका दिल ये प्रक्रिया आराम से पूरी करता है.
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गर्मी के दौरान बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों जैसी कमजोर आबादी को गर्मी से संबंधित बीमारियों के जोखिम का सामना करना पड़ता है. लंबे समय तक अत्यधिक गर्मी से बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ता है, लोगों के शरीर में भी पानी की कमी हो जाती है.
गर्मी के दौरान सुरक्षित रहने के लिए व्यक्ति को हाइड्रेटेड रहना होगा, अधिकतम ठंडे वातावरण में रहना होगा और गर्मी के घंटों के दौरान तेज गतिविधियों से बचना होगा.
गर्मी से बचने के लिए क्या खाएं
प्रकृति ने हमें हर जरूरी चीज दी है. जब वह मौसम बदलती है, तो उस मौसम में सर्वाइव करने के लिए जरूरी आहार भी हमें मिल जाते हैं. मौसमी फल उस मौसम से लड़ने के लिए हमारे हथियार हैं. गर्मियों के फल-सब्जियां मिनरल्स और पानी से भरपूर होते हैं. ये इस मौसम से लड़ने के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व देते हैं.
कई फलों में पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है. जो इस मौसम में मददगार साबित हो सकते हैं.
फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में डायटेटिक्स विभाग की प्रमुख दीप्ति खाटूजा बताती हैं कि फलों का पूरा लाभ उठाने के लिए आप इन्हें दिन में खाएं. अगर आप जूस पीना चाहते हैं, तो इसके लिए सुबह का समय चुनें. लेकिन पूरा फल खाने के लिए दिन का समय सबसे बेहतर है.
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गर्मी में ठंडी तासीर के मौसमी फल, जो देंगे राहत
गर्मी में तरबूज खाने के फायदे
तरबूज में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. इसमें तकरीबन 90 फीसदी पानी होता है. तासीर में ठंडा तरबूज गर्मी में शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मददगार है. यह विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है.
- तरबूज में विटामिन B, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों होते हैं. जो पसीने से कम हुए पोषक तत्वों को रिस्टोर कर सकता है.
- तरबूज का जूस हो या यह पूरा फल खा रहे हों. यह शरीर में जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स की भी पूर्ति करता है. जो उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है जो गर्मी में बाहर निकलते हैं. यह लू से बचाने में मददगार है.
- गर्मियों के मौसम में पाचन से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती है. ऐसे में अगर आप तरबूज को आहार में शामिल करते हैं, तो यह पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है.
गर्मी में नारियल पानी पीने के फायदे (Coconut water benefits for health)
थकान दूर करने में : फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में डायटेटिक्स विभाग की प्रमुख दीप्ति खाटूजा का कहना है कि गर्मियों में रोजाना नारियल पानी का सेवन करना चाहिए, लेकिन कुछ सावधानियों का अपनाकर. हां, इससे पहले अपने डॉक्टर से सलाज जरूर लें. नारियल पानी थकान दूर करने और इंस्टेंट एनर्जी देने में अहम रोल निभाता है. दरअसल नारियल पानी में तमाम तरह के पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं और ये लो केलोरी ड्रिंक है. ऐसे में रोज सुबह कोकोनट वॉटर पीने से आपको थकान और कमजोरी से राहत मिल सकती है.
स्ट्रेस दूर करें : गर्मी के दौरान स्ट्रेस को दूर करने के लिए रोजाना नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं. ये आपके तनाव को दूर करने और आपको स्ट्रेस फ्री बनाने में मददगार हो सकता है.
इम्यूनिटी बूस्ट करे : नारियल पानी में कई तरह के विटामिन, मिनिरल और एंटी-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं. जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं.
डायबिटीज में फायदेमंद : इंसुलिन की कमी डायबिटीज की दिक्कत की वजह बनती है और नारियल पानी इंसुलिन बढ़ाने में मदद करता है.
फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में डायटेटिक्स विभाग की प्रमुख दीप्ति खाटूजा ने आगे कहा कि हाइड्रेशन का मतलब सिर्फ नारियल पानी और जूस नहीं होता है. हमारा नॉर्मल पानी भी बहुत जरूरी है. हर रोज हमें कम से कम हमें 1.5 से 2 लीटर पानी लेना है उसके अलावा दूसरी चीजों का सेवन करें.
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नींबू खाने के क्या फायदे हैं?
यह छोटा पीला खट्टे फल आसानी से उपलब्ध है, फायदों से भरपूर है और इसमें कैलोरी कम है. नींबू में हाई लेवल का कॉपर, मैग्नीशियम, विटामिन बी6, पोटैशियम, जिंक, एंटीऑक्सीडेंट्स और जिंक होता है. आइए जानते हैं हर रोज नींबू खाने के फायदे.
एक दिन में कितना नींबू खाना चाहिए
आप हर दिन दो से तीन नींबू (लगभग चार से छह बड़े चम्मच) का सेवन करें. हालाँकि, बाकी सभी चीज़ों की तरह, इन खट्टे फलों का भी सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए. द पैन अफ्रीकन मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि नींबू का अत्यधिक सेवन, जिसमें साइट्रिक एसिड का उच्च स्तर होता है, आपके इनेमल को नष्ट कर सकता है, संवेदनशीलता बढ़ा सकता है और समय के साथ ओरल हेल्थ खराब हो सकता है. नींबू में टायरामाइन भी होता है, जो माइग्रेन से ग्रस्त लोगों के लिए सिरदर्द पैदा कर सकता है.
गर्मियों में लीची खाने के फायदे :
- डिहाइड्रेशन इस गर्म मौसम में दिख रही बड़ी समस्या है और लीची इससे राहत दिलाने में मददगार है. लीची का सेवन गर्मियों में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने में भी मदद कर सकता है. लीची में पानी काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद कर सकता है.
- लीची में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और फोलेट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी को बूस्ट रखने में मदद कर सकता है.
- लीची में पोटेशियम और सोडियम पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है. इसलिए इसका सेवन ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद माना जा सकता है.
गर्मियों में कच्चा आम खाने के फायदे
- कच्चा आम विटामिन सी का समृद्ध स्रोत होता है.
- कच्चा आम एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार है.
- विटामिन सी, ई और ए कच्चे आम में भरपूर मात्रा में होते हैं. जो इस सीजन में होनी वाली स्किन प्रोब्लम्स से आपको बचा सकते हैं.
- कच्चा आम फाइबार का अच्छा स्रोत है यह पाचन को दुरुस्त करता है. यह कब्ज, अपच और अफरा से राहत देता है.
गर्मी से बचने के उपाय
गर्मी से बचने के लिए आप अपने स्तर पर कुछ उपाय अपना सकते हैं. जिससे आप बढ़ती गर्मी के असर को काफी हद तक कम कर सकते हैं.
गर्मी के दिनों में खूब पानी पिएं : हाइड्रेट रहना गर्मी से बचने का सबसे कारगर उपाय है. थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें. हर दो घंटे में आप कुछ न कुछ पीते रहें. सादे पानी के अलावा नारियल पानी और जूस जैसी चीजों का सेवन करें. छाछ, दही, शरबत वगैरह पीते रहें.
चाय-कॉफी का सेवन कम करें : माना कि कुछ लोगों का चाय प्रेम इतना गहरा होता है कि वह भरी दोपहर में भी टपरी पर चाय पी सकते हैं. लेकिन अगर आप खुद को हाइड्रेट रखना चाहते हैं तो चाय, कॉफी का सेवन कम करें.
सूती और हल्के कपड़े पहनें : आप इस मौसम में हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें. शरीर को राहत मिलेगी. और पसीना सोखने के साथ ठंडक भी महसूस होगी.
टोपी पहनें और सनग्लास लगाएं : पहली बात कि हीट वेव में घर से बाहर न निकलें. लेकिन अगर निकलना बेहद जरूरी है तो टोपी पहनें और सनग्लास लगाएं.
कठिन मेहनत वाली एक्सरसाइज न करें : गर्मी में अगर आप मुश्किल एक्सरसाइज करेंगे तो हो सकता है कि पसीना बहुत ज्यादा बहे और डिहाइड्रेशन हो जाए. इस दौरान हल्की एक्सरसाइज ही करें.
कम-कम भोजन करें लेकिन जल्दी-जल्दी करें : गर्मी में पाचन तंत्र धीमा हो जाता है. बहुत ज्यादा तेल मसाले वाले खाने से पेट पर काम का बोझ बढ़ सकता है. इस मौसम में आप फल और हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें. सलाद, स्मूदी, लस्सी, जूस वगैरह को डाइट में शामिल करें.
फल खाएं : मौसमी फलों को डाइट में शामिल करें. जैसे तरबूज, खरबूज, खीरा, लीची.
एक्सपर्ट :
– डॉ विकास ठाकरान, मैक्स, बीएलके दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट
– फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में डायटेटिक्स विभाग की प्रमुख दीप्ति खाटूजा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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