हरदीप सिंह पुरी ने बजट पर जारी विवाद के बीच विपक्ष की खिंचाई की
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बुधवार की शाम को विपक्ष की लगातार आलोचना के जवाब में कहा कि 2024-25 का केंद्रीय बजट (Union budget) पूरे देश के लिए है, किसी एक राज्य के लिए नहीं. उन्होंने यह बात विपक्ष के उस आरोप के जवाब में कही जिसमें कहा जा रहा है कि सरकार उन राज्यों की अनदेखी करती है, जिन पर बीजेपी या उसके सहयोगी दलों की सत्ता नहीं है.
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है. पुरी ने शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने के फैसले के लिए विपक्ष की आलोचना की. उन्होंने खास तौर पर नाम लिए बिना कांग्रेस और तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके को निशाना बनाया. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
पिछले साल भी विपक्ष ने बैठक का बहिष्कार किया था
पुरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “बजट में कोई भेदभाव नहीं किया गया है…” उन्होंने कहा कि पिछले साल मई में ‘आप’ के अरविंद केजरीवाल और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत आठ विपक्षी नेताओं ने एक बैठक में भाग नहीं लिया था. उन्होंने कहा कि “23 मई को अरविंद केजरीवाल, (तमिलनाडु के) एमके स्टालिन और ममता बनर्जी समेत आठ विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने ‘विकसित भारत’ बैठक का बहिष्कार किया था…”
#WATCH | Union Minister Hardeep Singh Puri says, “There has been no discrimination in the budget. They have done it (opposition boycotting NITI Aayog meeting) earlier as well. On May 23, 2023 – eight Chief Ministers of the opposition including Arvind Kejriwal, MK Stalin, and… pic.twitter.com/KkNIBuMSMB
— ANI (@ANI) July 24, 2024
उन्होंने कहा, “हम लोकतंत्र में चयनात्मक नहीं हो सकते. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट किसी राज्य के लिए नहीं है, बल्कि यह केंद्र सरकार का बजट है. बजट एक चीज है… नीति आयोग अलग चीज है…”
विपक्ष प्रधानमंत्री से नफरत दर्शा रहा
विपक्ष को निशाना बनाने वाले हरदीप सिंह पुरी अकेले केंद्रीय मंत्री नहीं हैं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया है.
#WATCH | Union Minister Piyush Goyal says, “I think due to their (the opposition) personal thinking of hatred towards PM Modi – they don’t think about their own people… Be it Telangana, West Bengal, Tamil Nadu – eight states have boycotted last year’s NITI Aayog meeting which… pic.twitter.com/vEAWZ2uwVd
— ANI (@ANI) July 24, 2024
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार प्रधानमंत्री के प्रति उनकी “नफरत” को दर्शाता है. उन्होंने कहा, “वे केवल लोकतंत्र की बात करते हैं… वे नाटक करते हैं, लेकिन वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते. वे अपने परिवार के नाम को लेकर अहंकारी हैं.”
पुरी ने विपक्ष के नेताओं को “राजनीतिक लाभ” उठाने की कोशिश करने के लिए फटकारा. उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री आकर अपनी शिकायतें उठा सकते हैं… लेकिन राजनीतिक लाभ कमाने के लिए इसे मुद्दा बनाना… यह ठीक नहीं है.”
सरकार की रोजगार-संबंधी पहलों पर संदेह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया गया, जिसकी विपक्ष कड़ी आलोचना कर रहा है. आलोचना में नीति-संबंधी असहमतियां भी शामिल हैं, जैसे कि कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने रोजगार संकट को हल करने के लिए भाजपा की तीन नई रोजगार-संबंधी पहलों पर संदेह जताया है.
एमके स्टालिन जैसे विपक्ष के नेताओं ने तीखी टिप्पणियां की हैं. स्टालिन ने आज शाम को पीएम मोदी को चेतावनी दी कि यदि वे शासन पर ध्यान देने के बजाय राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाना जारी रखेंगे तो उन्हें “अलगाव” का सामना करना पड़ेगा.
गैर भाजपा शासित राज्यों की अनदेखी
तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी बजट भाषण की आलोचना की. विपक्ष का बड़ा आरोप यह है कि बजट में उन राज्यों की अनदेखी की गई है, जहां भाजपा के सहयोगी दल नहीं हैं. उन्होंने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए पैकेज की ओर इशारा किया है – जहां जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी का शासन है, जिनका समर्थन मोदी की सरकार का बहुमत बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.
हालांकि हरदीप सिंह पुरी ने इन दावों को खारिज करते हुए सरकार की आलोचना करने वालों से कहा है कि वे “बजट दस्तावेज पढ़ें और प्रावधानों को देखें.” उन्होंने कहा, “बेबुनियाद तर्क दिए जा रहे हैं… इस्तेमाल किए जा रहे हैं.”
निर्मला सीतारमण ने आज संसद में विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए कहा, “…हर बजट में आपको हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता…” भाजपा शासित महाराष्ट्र की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “यदि मेरे भाषण में किसी राज्य का उल्लेख नहीं है…तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की योजनाएं इन राज्यों में नहीं जातीं?”
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