Sports

“संरचनात्मक सुधारों से फल-फूल रही अर्थव्यवस्था”: बीजेपी नेता ने राहुल गांधी के दावे का किया खंडन




नई दिल्ली:

बीजेपी नेता और एक लॉ फर्म के मैनेजिंग पार्टनर हितेश जैन ने अपने बयानों के समर्थन में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भारत में “एकाधिकार” के दावे पर कड़ा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश एक प्रमुख ग्लोबल इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन रहा है.

परिनाम लॉ एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर और बीजेपी मुंबई के उपाध्यक्ष हितेश जैन ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट की एक सीरीज में कहा कि, मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट ने पिछले दशक में स्टार्टअप से लेकर मेगा कॉरपोरेशन तक सभी क्षेत्रों में भारत में संरचनात्मक विकास के ठोस सबूत प्रदान किए हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के “लगातार हमलों” और “हिंडनबर्ग की आलोचनात्मक रिपोर्ट” का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था संरचनात्मक सुधारों के कारण फल-फूल रही है.

हितेश जैन ने लिखा है कि, “राहुल गांधी और हिंडनबर्ग की आलोचनात्मक रिपोर्टों के लगातार हमलों के बीच पिछले दशक में छोटे स्टार्टअप से लेकर बड़े ग्रुपों तक सभी क्षेत्रों में भारत की संरचनात्मक वृद्धि के ठोस सबूत हैं. यह एकाधिकार की कहानी नहीं है, यह एक ऐसे देश की कहानी है जो एक प्रमुख ग्लोबल इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन गया है. सन 2047 तक विकसित भारत केवल एक विजन नहीं है – यह एक ऐसा रास्ता है जिस पर हम पहले से ही चल रहे हैं, सभी आकार के व्यवसायों को सशक्त बना रहे हैं और भारत के भविष्य को आकार दे रहे हैं.”

जैन ने कहा है कि, “इसके अलावा यह रिपोर्ट स्टार्टअप से लेकर बड़े पूंजीपतियों तक सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास को उजागर करके राहुल गांधी के ‘एकाधिकार’ के दावों को गलत साबित करती है. भारत की अर्थव्यवस्था संरचनात्मक सुधारों के कारण फल-फूल रही है, जिससे सभी आकार के व्यवसायों के लिए एक जीवंत इकोसिस्टम का निर्माण हो रहा है.”

पोस्ट में रिपोर्ट के कुछ अंश और चार्ट शामिल करते हुए बीजेपी नेता ने कहा है कि, भारत में स्थिर मैक्रो कंडीशंस, मजबूत नींव और एक संपन्न उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र ने उच्च गुणवत्ता वाले विकास में योगदान दिया है और देश वैश्विक मंच पर एक शक्तिशाली विकल्प के रूप में उभर रहा है, जिसमें कई देश चीन+1 रणनीति को अपना रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि, “आकार, विकास और विविधता का यह संयोजन वैश्विक स्तर पर बेजोड़ है.”

हितेश जैन ने कहा है कि, सन 2010 के दशक में निवेशकों को “भारतीय इक्विटी निवेश योग्य क्षेत्र” के बारे में चिंता थी, लेकिन पिछले पांच वर्षों में इसमें बहुत बड़े बदलाव आए हैं. उन्होंने हाई-डेवलपमेंट वाले स्टॉक का जिक्र करते हुए कहा कि ग्लोबल इक्विटी को आकर्षित करने के लिए भारतीय रियल एस्टेट फ्यूचर्स का स्टॉक बनाया गया है.

उन्होंने कहा, “भारत में अब 11 मेगा-साइज कंपनियां हैं, जिनका मार्केट केप 5 ट्रिलियन रुपये से अधिक है, जबकि 2014 में यह आंकड़ा शून्य था. मध्यम और बड़ी पूंजी वाली कंपनियों में उछाल के साथ इक्विटी बाजार संभावित दिग्गजों से भरा हुआ है.”

जैन ने इस बात पर जोर देते हुए कि भारत अब बाजार पूंजीकरण के मामले में दूसरा सबसे बड़ा उभरता हुआ बाजार है, कहा कि देश ने एक दशक में आश्चर्यजनक ग्रोथ देखी है. उन्होंने लिखा है कि, “निफ्टी-50, निफ्टी मिडकैप 100, निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी-500 ने पिछले दशक में भारी बढ़त देखी है. बाजार पूंजीकरण में क्रमशः 4.3 गुना, 5.4 गुना, 8.1 गुना और 5.8 गुना की वृद्धि हुई है. भारत के इक्विटी सूचकांक असरकारक तेजी पर हैं.”






Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *