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विवादों में मुंबई का लीलावती अस्पताल, ट्रस्टी प्रशांत मेहता के आरोपों पर क्या बोला दूसरा पक्ष?



<p style="text-align: justify;"><strong>Maharashtra News:</strong> मुंबई का लीलावती अस्पताल घोटाले और काला जादू मामले के कारण सुर्खियों में है. मौजूदा ट्रस्टी प्रशांत मेहता के आरोपों पर अब दूसरे पक्ष की प्रतिक्रिया सामने आई है. चेतन मेहता के वकील सिमरन सिंह की तरफ से बयान आया है. कहा गया कि 11 मार्च को लीलावती ट्रस्ट के ट्रस्टियों की प्रेस विज्ञप्ति में लगाए गए आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं. सिमरन सिंह ने कहा, "हम आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं. कथित ट्रस्टियों का उद्देश्य मेरे मुवक्किल की छवि धूमिल करना है.</p>
<p style="text-align: justify;">अवैध नियुक्तियों के खिलाफ चल रही कार्यवाही से पीछे हटने के लिए दबाव बनाना है." बयान में कहा गया कि सितंबर 2024 में चैरिटी कमिश्नर ने मेरे मुवक्किल की स्थायी ट्रस्टी के रूप में स्थिति को बरकरार रखा था. स्थायी ट्रस्टी की नियुक्ति को मौजूदा ट्रस्टियों ने चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश में चैरिटी कमिश्नर को लंबित मामले समय से निपटाने का निर्देश दिया गया है. अब मीडिया अभियान शुरू किया गया है. मीडिया अभियान मेरे मुवक्किल की छवि को धूमिल करने का प्रयास है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>विवादों में लीलावती अस्पताल </strong></p>
<p style="text-align: justify;">आगे कहा गया कि मेरे मुवक्किल 2007 से लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी रहे हैं. लगभग दो दशकों के कार्यकाल में उन्होंने निस्वार्थ और समर्पित रूप से कार्य किया है. लीलावती अस्पताल आज एक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में जाना जाता है. सुपर स्पेशलिस्ट्स की टीम लीलावती अस्पताल को अलग-अलग पहचान दिलाती है. काला जादू का आरोप प्रतिक्रिया योग्य भी नहीं है. केवल सनसनी पैदा करने के लिए है. क्रूसेडरों के तथ्य स्वयं बोलते हैं. किशोर मेहता और परिवार को बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आरोपों पर बोला दूसरा पक्ष</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आरबीआई के परिपत्रों और दिशानिर्देशों में बताया गया है. एचडीएफसी, ने उनके खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही दायर की है. प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच का सामना कर चुके हैं. उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के लिए कई कार्यवाहियां चल रही हैं. ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने सार्वजनिक धन गबन की निंदा करते हुए विस्तृत आदेश पारित किया है. हमें समझ में आता है कि राजेश मेहता के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था.</p>
<p style="text-align: justify;">बयान में कहा गया, "मेरे मुवक्किल ने हमेशा ट्रस्टी के रूप में उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखा है. हम किसी भी जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने को तैयार हैं. भारत की न्यायिक प्रणाली पर पूर्ण विश्वास है. डराने और परेशान करने की कोशिश से निपटने में सभी कानूनी उपायों को अपनाएंगे.&nbsp;</p>
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