लेस्बियन लड़की की शातिर चाल में बुरी फंसी 3 बच्चों की मां, 2 पति छोड़े, 8 साल की बेटी को मारना पड़ा – london ayesha ali murder case lesbian relation Superstition tantrik fake facebook id mother killed daughter lclt
29 अगस्त 2013 का दिन… 43 वर्षीय किकी मुद्दार (Kiki Muddar) नामक महिला ने लंदन में पुलिस के इमरजेंसी नंबर पर कॉल किया. किकी ने बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाली 35 वर्षीय पॉली चौधरी (Polly Chowdhury) सुसाइड करने की कोशिश कर रही है. पुलिस जब किकी द्वारा बताए गए पते पर पहुंची तो उनके होश उड़ गए.
पॉली अपने घर पर सिर पकड़े बैठी हुई थी और फूट-फूट कर रो रही थी. पास में फंदा लटका हुआ था जो कि उसने सुसाइड के उद्देश्य से लगाया था. वहीं जमीन पर एक बच्ची की लाश पड़ी हुई थी जिसके बदन पर अंडरवियर के अलावा कुछ भी नहीं था. यह बच्ची कोई और नहीं, बल्कि पॉली की 8 वर्षीय बेटी आएशा अली (Ayesha Ali) थी.
उसके बदन पर 50 से ज्यादा जख्मों के निशान थे. आएशा की लाश काफी ठंडी पड़ चुकी थी. पुलिस ने जब आस-पास देखा तो उन्हें पॉली द्वारा लिखा गया एक नोट भी मिला. जिसमें लिखा था कि आएशा की मौत की जिम्मेदार वह खुद है.
पहली नजर में पुलिस को लगा कि पॉली ने ही अपनी बेटी की हत्या की है. लेकिन कहानी तो कुछ और ही थी. दरअसल, 8 साल की बच्ची की हत्या का कारण था एक लेस्बियन रिश्ता, जलन, अंधविश्वास और डर. आखिर किसने और क्यों इस बच्ची को मारा था? चलिए जानते हैं इस पूरी कहानी को…
The Mirror के मुताबिक, आएशा की मां पॉली का जन्म 1979 को लंदन में एक बांग्लादेशी परिवार में हुआ था. पॉली का बचपन कुछ खास अच्छा नहीं रहा था. दरअसल, वह कॉलेज के दिनों में ही अपने बॉयफ्रेंड से प्रेग्नेंट हो गई थी. जब इस बात का पता पॉली के माता-पिता को चला तो उन्होंने उसे बहुत डांटा. बदनामी के डर से पहले उन्होंने पॉली का अबॉर्शन करवाया. फिर आनन-फानन में उसकी शादी अपनी जान-पहचान के एक युवक से करवा दी.
पॉली का पति भी उसे कुछ खास पसंद नहीं करता था. वह उसे मारता-पीटता रहता था. कुछ समय तक तो पॉली सबकुछ बर्दाश्त करती रही. लेकिन पति के अत्याचार जब और ज्यादा बढ़ते गए तो उसने उसे छोड़ दिया. फिर एक लॉ फर्म में सेक्रेटरी की नौकरी करना शुरू कर दिया. यहां उसकी मुलाकात अफसर अली नामक युवक से हुई. दोनों के बीच अफेयर शुरू हुआ और जल्द ही उन्होंने एक दूसरे से शादी भी कर ली.
शादी के बाद दोनों के तीन बच्चे हुए. आएशा तीनों बच्चों में सबसे छोटी थी. उसका जन्म साल 2004 में हुआ था. परिवार हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहा था. पॉली एक अच्छी बीवी होने के साथ-साथ अच्छी मां भी थी. वह सबका ख्याल रखती थी. लेकिन जल्द ही इस परिवार की खुशियों को किसी की बुरी नजर लगने वाली थी.
किकी को हुआ पॉली से प्यार
साल 2007 में पॉली के पड़ोस में किकी मुद्दार नामक महिला रहने के लिए आई. किकी अकेली ही वहां रहती थी. उसके परिवार के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. पड़ोस में रहने के कारण किकी की दोस्ती पॉली और उसके परिवार के साथ हो गई. इसी बीच किकी को पॉली से प्यार हो गया. वह उसके बिना एक पल भी नहीं रह पाती थी. इसलिए किसी न किसी बहाने या तो वह पॉली को अपने घर बुला लेती या खुद उसके घर चली जाती. पॉली का अपना परिवार भी था जिससे धीरे-धीरे किकी को जलन होने लगी.
वह पॉली को उसके परिवार से अलग करके खुद उसके साथ रहना चाहती थी. लेकिन पॉली भी उसे चाहती है या नहीं. इसे लेकर वह काफी कन्फ्यूज थी. इसलिए पॉली को अपने प्यार में फंसाने के लिए किकी ने एक चाल चली. उसने पॉली को बताया कि वह कैंसर से पीड़ित है और कभी भी मर सकती है. यह सुनकर पॉली को उससे हमदर्दी होने लगी. वह पहले से भी ज्यादा समय अब किकी को देने लगी.
एक समय ऐसा भी आया कि दोनों के बीच काफी नजदीकियां हो गईं. लेकिन पॉली के पति को किकी का इस तरह उसके घर आना जाना पसंद नहीं था. उसे किकी पर शक होता था. उसे लगने लगा था कि किकी पॉली को उसके परिवार से दूर कर रही है. साल 2011 में अफसर ने तय किया कि वे लोग अपना घर ही बदल लेंगे ताकि किकी बार-बार उनके पास न आ सके.
पति से अलग हो गई पॉली
जब किकी को इस बात का पता चला तो वह कैंसर की बीमारी का बहाना बनाकर कुछ दिन के लिए पॉली के घर रहने के लिए आ गई. जब किकी को वहां रहते कुछ ज्यादा ही दिन हो गए तो अफसर ने इसका विरोध जताया. यह बात पॉली को इतनी नागवार गुजरी कि उसने अफसर से अलग होने का फैसला ले लिया.
पॉली के बच्चे बन रहे थे प्यार के बीच में रोड़ा
साल 2013 में पॉली अपने तीनों बच्चों को लेकर अलग रहने लगी. कुछ ही समय बाद किकी भी उन्हीं के साथ रहने लगी. किकी ने पॉली को तो उसके पति से अलग कर ही दिया था. लेकिन अभी भी उसे लगता था कि पॉली के बच्चे उन दोनों के प्यार के बीच में रोड़ा बने हुए हैं. वह उन्हें भी एक एक करके रास्ते से हटा देना चाहती थी.
बता दें, भले ही किकी और पॉली साथ रहते थे. लेकिन उनके बीच किसी भी तरह का फिजिकल रिलेशन नहीं था. क्योंकि पॉली अभी भी बच्चों से उतना ही प्यार करती थी. वह उन्हीं के साथ सोती थी. इससे किकी को काफी परेशानी होती थी.
पुलिस ने की जांच शुरू
वह उससे फिजिकल रिलेशन बनाता चाहती थी. लेकिन बच्चों की मौजूदगी के कारण वह इस मकसद में कामयाब नहीं हो पा रही थी. दिन बीतते गए. फिर अचानक से 29 अगस्त 2013 के दिन आएशा की लाश पुलिस को मिली. पुलिस ने जब केस की जांच शुरू की तो एक के बाद एक करके अपराध की कई परतें उनके सामने खुलने लगीं.
दरअसल, पॉली द्वारा लिखा गया नोट और आएशा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एक दूसरे से मेल नहीं खा रहे थे. पॉली ने नोट में लिखा था कि बाथटब से गिरकर आएशा को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. बेटी का दर्द उससे देखा न गया इसलिए उसने उसे गला घोंटकर मार डाला.
जबकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, आएशा की मौत गला घोंटकर नहीं, बल्कि सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण हुई है. बच्ची के सिर को जोर से किसी दीवार या जमीन पर पटका गया था. जिससे वह मर गई. यही नहीं, मारने से पहले बच्ची को खूब टॉर्चर भी किया गया था. उसके बदन पर दांतों से काटने के और जलाने के कई निशान भी मिले थे.
जिम्मी नामक शख्स से बात करती थी पॉली
आएशा की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने जब पॉली के मोबाइल और लैपटॉप की जांच की तो उनके होश उड़ गए. पुलिस ने देखा कि पॉली ने कुछ दिनों से फेसबुक पर किसी जिम्मी चौधरी नामक युवक से लगातार बातचीत की है. पॉली और जिम्मी की चैट से पुलिस को पता चला कि उनके बीच अफेयर था.
वे एक दूसरे से शादी करना चाहते थे. हालांकि, दोनों एक दूसरे से अभी तक मिले नहीं थे. दोनों के बीच काफी अजीबोगरीब चैट हुई थी. जिम्मी ने पॉली से कहा था कि वह किकी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाए.
पुलिस को यह बात काफी अटपटी लगी. इसलिए उन्होंने पूछताछ के लिए जिम्मी की तलाश शुरू की. आईपी एड्रेस के जरिए जब पुलिस जिम्मी के घर पहुंची तो सभी पुलिसकर्मी हैरान रह गए. दरअसल, जिम्मी चौधरी कोई और नहीं बल्कि किकी ही थी. उसने नकली नाम से यह आईडी बनाई थी और पॉली को अपने प्यार के झांसे में फंसाया था. ताकि पॉली उसके कहने पर कुछ भी करने को तैयार हो जाए.
अंधविश्वास के चलते किकी की बातों में फंसी पॉली
जिम्मी बनकर किकी ने पॉली को कहा था कि जब तक वे लोग नहीं मिलते वह किकी से ही फिजिकल रिलेशन बनाए. उसने पॉली के दिमाग में यह भर दिया था कि उसकी आत्मा किकी में ही बसती है. पॉली भी अंधविश्वास की बातों को मानने वाली महिला थी. इसलिए वह जिम्मी की बातों में आ गई और उसने किकी से फिजिकल रिलेशन बनाने शुरू कर दिए. सिर्फ यह सोचकर कि किकी में जिम्मी की आत्मा है.
पुलिस ने जब किकी का लैपटॉप खंगाला तो एक और हैरान कर देने वाली बात उन्हें पता चली. किकी ने एक और फेक आईडी फेसबुक पर बनाई हुई थी. जिसका नाम था ‘SkyMan’. दरअसल, किकी जान गई थी कि पॉली तांत्रिकों पर बहुत यकीन है. इसलिए नकली तांत्रिक बनकर उसने ‘SkyMan’ नाम से आईडी बनाई और पॉली को किकी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने के आदेश दिए.
यही नहीं, उसने पॉली से यह भी कहा था कि उसकी बेटी आएशा पर भूत-प्रेत का साया है. भूत-प्रेत भगाने के नाम पर वह पॉली से कहती कि वह आएशा को शारीरिक नुकसान पहुंचाए ताकि भूत जल्द ही उसके शरीर से बाहर निकल जाए. किकी ऐसा इसलिए करती थी ताकि पॉली अपनी ही बेटी से नफरत करने लगे और उसे खुद ही मार डाले. इससे दोनों के बीच का एक रोड़ा कम जाएगा.
आएशा पर किया जाता था अत्याचार
वहीं, अंधविश्वास के चलते पॉली भी उस नकली तांत्रिक के कहने पर अपनी ही बेटी को शारीरिक नुकसान पहुंचाने लगी. दूसरी तरफ, किकी खुद भी आएशा को टॉर्चर देने लगी. वह उसे बेवजह मारती-पीटती. जुलाई 2013 को स्कूल में गर्मी की छुट्टियां पड़ीं तो आएशा घर में ही रहने लगी. इससे किकी को और ज्यादा गुस्सा आने लगा. पॉली और किकी दोनों ही आएशा पर और ज्यादा अत्याचार करने लगे. फिर इसके ठीक एक महीने बाद पुलिस को आएशा की लाश मिली.
पॉली को तो पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जबकि, किकी को पुलिस ने 1 अक्टूबर 2013 के दिन गिरफ्तार किया. गिरफ्तार होते ही किकी ने पुलिस को साफ कह दिया कि उसने आएशा को नहीं मारा है. लेकिन सीसीटीवी फुटेज में पुलिस ने देखा था कि जिस दिन आएशा की मौत हुई उस दिन पॉली और किकी दोनों ही घर पर मौजूद थीं.
कोर्ट ने सुनाई दोषियों को सजा
The Guardian के मुताबिक, दोनों महिलाओं के खिलाफ आएशा की हत्या का मामला दर्ज किया गया. कोर्ट में पहले तो दोनों हत्या की बात से मुकर गईं. लेकिन पुलिस के पास दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत थे. जिस कारण कोर्ट ने दोनों ही महिलाओं को आएशा की हत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाई. किकी को 18 साल जेल की सजा, जबकि पॉली को 13 साल जेल की सजा सुनाई गई.