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राजस्‍थान: सिरोही में जहरीला पदार्थ खाने से 15 बंदरों की मौत, लोगों ने की जांच की मांग



सिरोही जिले के नागाडी स्थित आमलारी गांव में एक साथ 10 से 15 बंदरों की मौत का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. स्थानीय लोगों को पहले एक दो बंदर मरे हुए दिखाई दिए, इसके बाद समाजसेवीयों की सहायता से 15 बंदरों को ढूंढकर उन्हें दफनाया गया. इसके बाद लोगों में एक साथ 10 से 15 बंदरों की मौत की खबर फैली तो ग्रामीणों की भीड़ भी मौके पर जमा हो गई और आसपास जाकर और जगह बंदर को ढूंढने का काम शुरू किया.

इसके बाद ग्रामीणों ने पशु चिकित्सा टीम को भी इसकी सूचना दी और मौके पर पशु चिकित्सा टीम भी पहुंची और इसकी जांच शुरू की. साथ ही बंदरों की मौत की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची. आमलारी गांव में स्थित कृषि कुएं होने से वहां बड़ी संख्या में बंदर हैं, जिसको लेकर ग्राम पंचायत की ओर से कालन्द्री थाने में एक रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी और इसमें 70 बंदरों की टोली होने का जिक्र भी किया गया था. बंदरों की मौत के बाद जब सुबह के समय लोग इधर-उधर जाने लगे तो कई बंदर मृत पड़े मिले.

जहरीला पदार्थ देकर मारा रिपोर्ट में पुष्टि हुई 

आमलारी गांव में मिले मृत बंदरों में कुछ बेहोशी की हालत में दम तोड़ने की स्थिति में थे जिनको आगे भेजा गया लेकिन मौके पर लोगों ने बताया की बेहोशी की हालत में तड़प रहे बंदरों के मुंह से झाग भी निकल रहा था. मुंह से निकल रहे झाग से लग रहा था कि बंदरों को किसी ने जहरीला पदार्थ दे दिया है. हालांकि मौके से मौत की वजह की पुष्टि नहीं हो सकी लेकिन ग्रामीणों व ग्राम पंचायत रिपोर्ट में बताया गया है कि किसी ने जहर देकर बंदरों को मार दिया है. जिसकी रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर भी ग्राम पंचायत की ओर से कालन्द्री थानाधिकारी टीकाराम को रिपोर्ट दी गई. 

स्कूल में पहुंचे बच्चों को मिली थी पहले जानकारी, पेड़ पर लटक रहे थे बंदर

मृत बंदरों की जानकारी सबसे पहले स्कूल के बच्चों को हुई. ऐसा इसलिए क्योंकि जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो उन्होंने एक बंदर को पेड़ से नीचे गिरते हुए देखा और जब वो पास गए तो उन्हें पता चला कि वो मरा हुआ था. इसके बाद बच्चों ने पेड़ पर देखा तो कुछ बंदर मरे हुए थे. इसके बाद ग्रामीणों ने तलाश शुरू की. बताया जा रहा है कि करीब 60 से 70 बंदरों की टोली गांव में घुम रही थी लेकिन मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने देखा तो उन्हें एक भी बंदर दिखाई नहीं दिया. (कृतार्थ सिंह ठाकुर की रिपोर्ट)





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