'रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योग के लिए मौका, 2029 तक 3 लाख करोड़…', बोले नौसेना प्रमुख दिनेश के त्रिपाठी
<p style="text-align: justify;">नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने बुधवार(12 फरवरी, 2025) को कहा कि समुद्री हवाई क्षेत्र में क्षमताओं के पैमाने, संश्लेषण और दायरे में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है. उन्होंने घरेलू उद्योग जगत से स्वदेशी समाधानों के विकास के लिए नौसेना के साथ काम करने का आह्वान किया.</p>
<p style="text-align: justify;">नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना घरेलू उद्योग का समर्थन करने और क्षमता विकास के लिहाज से एक अनुकूल तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.</p>
<p style="text-align: justify;">एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, ‘समुद्री हवाई क्षेत्र में क्षमताओं के पैमाने, संश्लेषण और दायरे में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, इसी कारण से मैं कहता हूं कि उद्योग करोड़ों अवसरों की ओर बढ़ रहा है.'</p>
<p style="text-align: justify;">बेंगलुरु में एयरो इंडिया में आयोजित आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना विमानन 2047 और इससे संबंधित पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन विषय पर सेमीनार में उन्होंने कहा, ‘व्यापक अवसरों को पूरी तरह से भुनाने के लिए मैं घरेलू उद्योग को हमारे साथ मिलकर आविष्कार, नवाचार, स्वदेशीकरण तथा समाधानों को एकीकृत करने के लिए आमंत्रित करता हूं.'</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि नौसेना के लिए उद्योग केवल उत्पादों से संबंधित नहीं है, बल्कि साझेदारी की बात है, केवल कंपनियों की बात नहीं है, बल्कि सहयोग की बात है. एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ‘उद्योग के साथ हमारा जुड़ाव केवल क्षमता अधिग्रहण तक ही सीमित नहीं है. यह निर्णायक युद्ध लड़ने के लाभ को सुरक्षित करने के लिए काम करने के बारे में है और हमारा लक्ष्य इसे स्वदेशी रूप से पूरा करना है, क्योंकि आज रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हमारे लिए एक रणनीतिक आवश्यकता है.'</p>
<p style="text-align: justify;">नौसेना प्रमुख ने कहा कि हाल के संघर्ष एक मजबूत घरेलू रक्षा उद्योग की आवश्यकता के प्रमाण हैं, आज घरेलू क्षेत्र अवसर के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर खड़ा है, जो सरकार की स्पष्ट दृष्टि, रक्षा मंत्रालय के सक्षम नीतिगत ढांचे और नौसेना की स्पष्ट रूपरेखा से प्रेरित है.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ‘हमारा स्वदेशी रक्षा उत्पादन 1.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जिसमें 20 पर्सेंट निजी क्षेत्र से आता है. रक्षा निर्यात 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसमें 60 पर्सेंट योगदान निजी क्षेत्र का है. 2029 तक सरकार का लक्ष्य 3 लाख करोड़ रुपये का स्वदेशी उत्पादन और 50,000 करोड़ रुपये का निर्यात करना है.'</p>
<p style="text-align: justify;">नौसेना प्रमुख ने कहा कि ये घरेलू रक्षा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण अवसर हैं, क्योंकि हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. अंत में, उन्होंने प्रत्येक क्षमता को व्यापक युद्ध पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करने के महत्व पर बात की.</p>
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