‘यह खतरनाक मानसिकता को…’ तमिलनाडु में रुपये के सिंबल को बदलने पर वित्त मंत्री एन सीतारमण ने उठाए सवाल

नई दिल्ली:
तमिलनाडु सरकार ने राज्य के 2025-26 के बजट दस्तावेजों से रुपये के आधिकारिक प्रतीक ‘₹’ को तमिल अक्षर रु से बदल दिया है और इसे लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि “यह कदम एक खतरनाक मानसिकता का संकेत है जो भारतीय एकता को कमजोर करता है और क्षेत्रिय गौरव के बहाने अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देता है. भाषा और क्षेत्रीय अंधराष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाले इस कदम को टाला जाना चाहिए.” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि डीएमके ने पहले अपनी आपत्ति क्यों नहीं जताई.
राज्य की सत्तारूढ़ डीएमके ने शुक्रवार की सुबह आने वाले राज्य बजट के लिए प्रचार सामग्री में देवनागरी रुपये के चिह्न (₹) को बदल दिया था – जो स्कूलों में अपनी अनिवार्य तीन-भाषा नीति के माध्यम से केंद्र द्वारा “हिंदी थोपने” के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच सामने आया एक मुद्दा है.
The DMK government has reportedly removed the official Rupee symbol ‘₹’ from the Tamil Nadu Budget 2025-26 documents, which will be presented tomorrow.
If the DMK (@arivalayam) has a problem with ‘₹’, why didn’t it protest back in 2010 when it was officially adopted under the…
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) March 13, 2025
इसका नतीजा ये हुआ कि सुबह से ही पार्टी को भारी राजनीतिक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है. राज्य भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि राष्ट्र द्वारा स्वीकार किए गए रुपए के प्रतीक को डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे ने ड्राम में बदल दिया है, उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को “मूर्ख” करार दिया. पूर्व राज्यपाल, भाजपा की तमिलिसाई सौंदरजन ने आरोप लगाया कि यह बदलाव “संविधान के खिलाफ है” और स्टालिन को चुनौती दी कि वे अपना नाम बदलकर तमिल विकल्प रखें.
इसके बाद गुरुवार शाम को वित्त मंत्री ने एक्स पर एक लंबी पोस्ट शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी. डीएमके पर “एक तमिल युवा के रचनात्मक योगदान की पूरी तरह से अवहेलना” करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “सभी निर्वाचित प्रतिनिधि और अधिकारी हमारे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए संविधान के तहत शपथ लेते हैं. राज्य के बजट दस्तावेजों से ‘रुपये’ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक को हटाना उसी शपथ के खिलाफ है, जो राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता को कमजोर करता है”. डीएमके सरकार ने कथित तौर पर तमिलनाडु बजट 2025-26 के दस्तावेजों से आधिकारिक रुपये का प्रतीक ‘रुपये’ हटा दिया है, जिसे कल पेश किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “रुपये का प्रतीक ‘₹’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी तरह से पहचाना जाता है और वैश्विक वित्तीय लेनदेन में भारत की एक स्पष्ट पहचान के रूप में कार्य करता है. ऐसे समय में जब भारत UPI का उपयोग करके सीमा पार भुगतान पर जोर दे रहा है, क्या हमें वास्तव में अपने स्वयं के राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक को कमतर आंकना चाहिए?” उन्होंने यह भी सवाल किया, “अगर DMK को ‘₹’ से कोई समस्या है, तो उसने 2010 में विरोध क्यों नहीं किया, जब इसे @INCIndia के नेतृत्व वाली UPA सरकार के तहत आधिकारिक रूप से अपनाया गया था, उस समय जब DMK केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा था?”
DMK ने दावा किया है कि केवल ‘Ru’ का उपयोग तमिल को प्राथमिकता देने और भाषा के प्रति उनके प्रेम को व्यक्त करने के लिए किया गया है. DMK नेता सरवनन अन्नादुरई ने कहा, “इसमें कुछ भी अवैध नहीं है… यह कोई ‘तसलीम’ नहीं है. हम तमिल को प्राथमिकता देते हैं, इसलिए सरकार ने इसे आगे बढ़ाया.” चुनावी साल में डीएमके ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ दो मोर्चे खोले हैं – तीन भाषा नीति जिसे केंद्र तमिलनाडु में लागू करना चाहता है, और परिसीमन. डीएमके का तर्क है कि दोनों ही भाषा, संस्कृति और राजनीति के माध्यम से उत्तर का वर्चस्व स्थापित करने की चालें हैं. केंद्र ने कहा है कि शिक्षा नीति के 22 भाषाओं के गुलदस्ते में हिंदी सिर्फ एक भाषा है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आश्वासन दिया है कि परिसीमन के जरिए दक्षिण को एक भी सीट नहीं गंवानी पड़ेगी.
हालांकि, विवाद अभी भी जारी है.