बेटी के आने से कुछ यूं बदल गई है राम चरण की लाइफ, बोले- अब बाहर जाने का मन नहीं करता
नई दिल्ली:
एक्टर राम चरण और उपासना कामिनेनी कोनिडेला ने जून 2023 में अपनी पहली बेटी क्लिन कारा का स्वागत किया. और अब जबकि कुछ दिनों में वह अपना पहला जन्मदिन मनाने वाली हैं, तो प्राउड पापा राम चरण का उसके साथ एक खास रिश्ता बन चुका है. आज फादर्स डे के खास मौके पर जब राम चरण का क्यूट क्लिन के साथ ये उनका पहला फादर्स डे हैं, तो उन्होनें बताया कि कैसे उनकी पूरी दुनिया उनकी प्यारी प्रिंसेस के इर्द-गिर्द घूमती है.
वह कहते हैं, “पहले छह महीनें तक मुझे कुछ भी खास महसूस नहीं हुआ, बस एक जिम्मेदारी का अहसास था और यह हकीकत कि परिवार में एक नया सदस्य हमारे साथ जुड़ गया है. मैं इस बात से हैरान था कि मां और बच्चे के बीच का जो रिश्ता होता है, वो कितना खास होता है और मैं उस तरह से बिल्कुल खुद को जोड़ नहीं पाया. फिर मैंने अपने एक दोस्त से बात की जो एक सीनियर पेरेंट हैं, और उन्होंने मुझे बताया कि ऐसा होता है और ऐसा महसूस करना सामान्य है और उन्होंने भी अपने दूसरे बच्चे के साथ उस तरह का जुड़ाव उसके जन्म के लगभग एक साल बाद तक महसूस नहीं किया. अब जब क्लिन लोगों से इंटरैक्ट कर रही है और उन्हें पहचान रही है, तो जब मैं घर पर नहीं होता तो वो मुझे मिस करती है…पूरी कहानी बदल गई है. जब मैं उसके आस-पास नहीं होता तो मुझे अकेलापन महसूस होता है, इसलिए मुझे बाहर जाने का मन नहीं करता”.
राम ने यह भी खुलासा कि कैसे वो अब अपना वर्क शेड्यूल अपनी बेटी के हिसाब से प्लान करते हैं और जब तक वह स्कूल जाना शुरू नहीं करती, तब तक वह ऐसा ही करने का इरादा रखते हैं. उन्होंने कहा, “मैं क्लिन के साथ एक भी पल मिस नहीं करना चाहता. मैंने 15 साल तक कड़ी मेहनत की है और अब मैं शाम को 6 बजे तक घर वापस आना चाहता हूं. मैं अपने प्रोड्यूसर्स से कह देता हूं कि अब यही रूटीन रहेगा. जब मैं उसे देखता हूं, तो मेरा दिल खुश हो जाता है. मुझे काम पर जाने का बिल्कुल भी मन नहीं करता. मैं उसे सुबह नहाने भी नहीं देता. मैं सोचता हूं, क्या, बच्चों को भी नहाने की ज़रूरत होती है भला! मैं उसका इतना आदी हो गया हूं”.
राम चरण का यह भी मानना है कि आज के दौर में एक एक्टिव पिता होना बहुत जरूरी है. वे कहते हैं, “बच्चे के जीवन के शुरुआती सालों में उन्हें सुरक्षा का अहसास दिलाना बहुत जरूरी है, जहां उन्हें लगे कि उनकी देखभाल की जा रही है और उन्हें अनदेखा नहीं किया जा रहा है. ये उनके बुनियादी साल होते हैं, अगर हम अभी इस पर ध्यान नहीं देते हैं, तो बाद में यह अटेंशन सीकिंग आदतों में बदल सकता है. तो मैं उसे प्ले स्कूल ले जाता हूं, उसके साथ स्विमिंग क्लासेस जाता हूं, और उसे अपनी रीडिंग्स पर भी ले जाता हूं ताकि हम एक-दूसरे के रूटीन का हिस्सा बन सकें”.