बिहार में बालू का खेल! एक साल में 300 करोड़ जुर्माना, 2439 गिरफ्तारी, सरकार की सफाई और BJP के आरोप से समझिए खबर
<p style="text-align: justify;"><strong>पटना:</strong> 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत बालू है. कोई भी निर्माण कार्य बिना बालू के संभव नहीं हैं. 15 अक्तूबर 2023 से बिहार सरकार ने पटना समेत 10 जिलों में वैध बालू खनन की अनुमति दे रखी है, लेकिन इन सब के बीच पूरे सूबे में अवैध बालू खनन जारी है. बालू माफियाओं द्वारा अवैध बालू की तस्करी की जा रही है. इन सब पर लगाम लगाने के लिए सख्त नियम कानून बनाए गए हैं, लेकिन नियम कानून जमीन पर सफल होते नहीं दिख रहे हैं. खनन विभाग के अधिकारी-पुलिस की टीम बालू माफियाओं को पकड़ने व छापेमारी करने जाती है तो बालू माफिया इन लोगों की पिटाई कर देते हैं. बालू माफिया अब पुलिस वालों की हत्या भी कर रहे हैं. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बालू माफिया दरोगा की कर चुके हैं हत्या </strong></p>
<p style="text-align: justify;">जमुई में बालू माफिया ने ट्रैक्टर से रौंदकर एक दरोगा की हत्या कर दी. अवैध खनन में पूरे बिहार में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है. निरंतर आरोप लगता रहता है कि जिला खनन पदाधिकारियों व पुलिस वालों की बालू माफियाओं से मिली भगत रहती है. वैसे कुछ ऐसे भी पुलिस वाले हैं जो अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. पटना के नेऊरा थाना के आगे अवैध बालू लदे कई ट्रैक्टर-ट्रक खड़े हैं. इनको जब्त किया गया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बालू घाटों पर ड्रोन की मदद ली जाएगी- मंत्री रामानंद यादव </strong></p>
<p style="text-align: justify;">बिहार के खान व भूतत्व मंत्री रामानंद यादव ने बुधवार को कहा कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए हम लोग लगातार प्रायसरत हैं. जिन बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई उनकी नीलामी होगी. खान भूतत्व विभाग ने बालू के अवैध खनन-बिक्री-ढुलाई से राज्य सरकार को होने वाले राजस्व की हानि को रोकने के लिए विशेष तैयारी की है. निगरानी के लिए बालू घाटों पर ड्रोन की मदद ली जाएगी. बालू ढोने वाली गाड़ियों का निबंधन करवा कर उसमें GPS लगाने, बालू के वजन के लिए घाटों पर धर्मकांटा लगाने, चेक पोस्ट बनाने, चालान काउंटर व चेकपोस्ट पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’बंदोबस्तधारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आगे भूतत्व मंत्री ने कहा कि जिला खनन पदाधिकारियों को निरंतर बालू घाटों का निरक्षण करने कहा गया है. उन लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे जांच करें कि बंदोबस्तधारी स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन कर रहे हैं या नहीं. स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन होने पर उसे अवैध घोषित किया जाएगा और बंदोबस्तधारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. 15 अक्टूबर से नए प्रावधान के तहत नई व्यवस्था में पहली बार नये बंदोबस्तधारियों के माध्यम से बालू खनन शुरू किया गया है. इसके लिए नई नीति के तहत नदी घाटों की छोटे क्लस्टर बनाकर उसकी निलामी की गई है. अब उसी आधार पर नदियों से बालू निकाला जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बालू के अवैध कारोबार के संबंध में 4435 एफआईआर दर्ज</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पिछले वित्त वर्ष यानी साल 2022-23 में सरकार ने बालू के कारोबार से 2650 करोड़ रुपये की कमाई की है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान राज्य भर में बालू का अवैध कारोबार रोकने के लिए करीब 23 हजार छापेमारी गई थी और इसमें खान व भूतत्व विभाग ने 300 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला था. बिहार राज्य के खान और भूतत्व विभाग ने साल 2022-23 में राज्य में बालू के अवैध कारोबार के संबंध में 4435 एफआईआर दर्ज की है. इसमें बालू का अवैध खनन, परिवहन और उसका भंडारण भी शामिल है. इन मामलों में 2439 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है और 20 हजार से ज्यादा वाहन भी जब्त किए गए हैं. इसी सख्ती और छापेमारी में बिहार में अक्सर बालू के अवैध कारोबार से जुड़े लोग और बालू के खनन की निगरानी करने वाली टीम के बीच संघर्ष होता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>माफिया से पुलिस-खनन विभाग की सेटिंग रहती है- बीजेपी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">वहीं, पिछले साल तक एनडीए सरकार में खान व भूतत्व विभाग के मंत्री रहे तथा अभी बिहार बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता जनक राम ने कहा कि बालू का अवैध खनन पूरे बिहार में जारी है. इस पर लगाम लगाने के बिहार सरकार जो नियम कानून बनाई है वह सिर्फ जनता को गुमराह करने के लिए है. बालू माफिया से पुलिस-खनन विभाग की सेटिंग रहती है. बालू माफिया बिहार सरकार के समानांतर अपनी सरकार चला रहे हैं. बालू माफिया को सरकार का संरक्षण मिलता है. जो बड़ी कंपनियां बालू खनन का बिहार में थी उन पर झूठी एफआईआर दर्ज की गई. वह सब कंपनियां बिहार से चली गई. बालू माफिया अपने खनन के काम में लग गए हैं.</p>
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