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बांग्‍लादेश में हिंसा के बीच हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी के बाद दो और संन्‍यासी लापता




ढाका:

बांग्‍लादेश (Bangladesh) में हिंदू अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले (Attacks on Hindu Minorities) थमने का नाम नहीं ले रहे हैं तो हिंदू मंदिरों और साधु-संन्‍यासियों को भी निशाना बनाया जा रहा है. हिंदू संन्‍यासी श्‍याम दास प्रभु की गिरफ्तारी के एक दिन बाद आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास के दो अन्य शिष्य भी चटगांव में लापता हो गए हैं. यह दावा इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने किया है. राधारमण दास ने चार हिंदू पुजारियों की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “क्या ये आतंकवादी लगते हैं? इन सभी को बांग्लादेशी पुलिस ने बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर लिया है.”

उन्होंने एक पोस्ट भी रीट्वीट किया है, जिसमें दावा किया गया, “चिन्मय कृष्ण दास के बाद दो और हिंदू संतों रंगनाथ श्यामसुंदर दास ब्रह्मचारी और रुद्रपति केशव दास ब्रह्मचारी को बांग्लादेश की पुलिस ने पुंडरीक धाम से गिरफ्तार किया.”

श्याम दास प्रभु और दो अन्य इस्कॉन संन्‍यासियों की गिरफ्तारी या हिरासत को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है. ये कथित तौर पर चिन्मय कृष्ण दास को भोजन देने गए थे. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें अधिकारियों ने बिना किसी वारंट के हिरासत में लिया था. 

पत्रकार भी कट्टरपंथियों के निशाने पर 

इस बीच बांग्लादेश से हिंदुओं पर हमले की खबरें भी लगातार आ रही हैं. आज एक पत्रकार मुन्नी साहा को कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों के निशाना बनाने और भीड़ द्वारा घेरने के बाद हिरासत में ले लिया गया. साहा पर अपने ऑफिस से निकलते वक्‍त ढाका के बीचोंबीच कारवां बाजार में कट्टरपंथियों के एक समूह ने हमला किया और धमकी दी. सूत्रों ने बताया कि बाद में उन्‍हें रिहा कर दिया गया. 

बांग्‍लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाए जाने के बीच पत्रकारों ने सैकड़ों की संख्‍या में उनकी मान्यता रद्द करने की शिकायत की है. 

इस्‍कॉन को निशाना बना रही सरकार 

बांग्लादेश सरकार भी इस्कॉन को निशाना बना रही है. अधिकारियों ने कथित तौर पर आदेश दिया है कि संगठन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज कर दिया जाए, जिसमें चिन्मय कृष्ण दास भी शामिल हैं. दास को इस सप्ताह देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. 

बांग्लादेश के भैरव इलाके में एक इस्कॉन केंद्र में भी गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की है. इस्कॉन के बांग्लादेश में 100 से ज्‍यादा केंद्र हैं, जहां कुल 17 करोड़ की आबादी में करीब 8 फीसदी हिंदू हैं. 

भीड़ ने की हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ 

इससे पहले, चटगांव में शुक्रवार को नारे लगाती भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की थी, जहां इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास पर मामला दर्ज होने के बाद से व्‍यापक विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखी गई. 

इसके साथ ही उग्र भीड़ द्वारा अल्पसंख्यकों पर हमले की भी खबरें हैं. कोलकाता के रहने वाले सायन घोष का आरोप है कि हाल ही में बांग्लादेश यात्रा के दौरान कट्टरपंथियों ने उनके साथ बेरहमी से मारपीट की. घोष ने कहा कि यह पुष्टि की गई कि वह भारतीय हिंदू हैं, उन्हें निशाना बनाया गया. शनिवार की रात वह गेदे-दर्शन सीमा के रास्ते घर लौटे.

अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले से भारत चिंतित 

भारत ने बांग्‍लादेश को अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर अपनी गंभीर चिंता से अवगत कराया है. साथ ही भारत ने चरमपंथी बयानबाजी बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई है. 

विदेश मंत्रालय ने अपनी साप्ताहिक प्रेसवार्ता में कहा कि भारत, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली सांप्रदायिक घटनाओं के बढ़ते मामलों को लेकर नियमित और लगातार बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार के संपर्क में है. 

इस मामले को लेकर भारत सरकार द्वारा उचित कार्रवाई को लेकर देश की पार्टियों में राजनीतिक सहमति और समर्थन भी है. 

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे पर कहा, “बांग्लादेश से सामने आ रही तस्वीरें गुस्‍सा दिलाने वाली और खून खौलाने वाली हैं. मैंने अपना रुख साफ कर दिया है कि आपको देश के संविधान का पालन करना होगा और राज्य की इसमें कोई भूमिका नहीं है. यह केंद्र सरकार पर है कि वह इसे बांग्लादेश की सरकार के साथ सबसे मजबूत तरीके से या उनकी समझ में आने वाली भाषा में उठाए.”






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