फर्जी नौकरी का बहाना और दर्दनाक आपबीती… भारत के युवा को कैसे ‘साइबर गुलाम’ बना रहे चीनी माफिया

नई दिल्ली:
एक खौफनाक हकीकत सामने आई है, जहां विदेशी नौकरी का सपना दिखाकर भारतीय युवाओं को साइबर ठगी के जाल में फंसाया जा रहा है. म्यांमार और कंबोडिया जैसी जगहों पर स्कैम फैक्ट्री में हजारों भारतीय युवाओं को बंदूक की नोंक पर ठगी करवाई जा रही है. इसे ‘साइबर गुलामी’ का नाम दिया गया है, जो मानव तस्करी का एक नया और खतरनाक रूप बन चुका है. चीनी माफिया भारत के युवाओं को साइबर गुलामी में धकेल रहे हैं.
पासपोर्ट जब्त, फिर शुरू होती है ट्रेनिंग
युवाओं को पहले विदेश में नौकरी का झांसा दिया जाता है. 70-80 हजार रुपये की तनख्वाह का वादा, बिना डिग्री के भी नौकरी का लालच. सोशल मीडिया, रेलवे स्टेशनों और बाजारों से एजेंट बेरोजगारों को फंसाते हैं. थाईलैंड और वियतनाम के रास्ते इन्हें म्यांमार और कंबोडिया ले जाया जाता है, जहां पासपोर्ट जब्त कर लिया जाता है और फिर शुरू होती है साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग.
कैसे होती है साइबर गुलामी?
पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन और इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करने के लिए मजबूर किया जाता है. एक पीड़ित ने बताया कि हमें 50 लाख रुपये लूटने का टारगेट मिला था. मेरे वर्क स्टेशन पर 16 पीड़ित थे, एक तो पाकिस्तान से था. वरिष्ठ नागरिकों को टारगेट बनाया जाता है और ऑनलाइन अमीर लोगों को धोखा देने का काम दिया जाता है. मना करने पर युवाओं को इलेक्ट्रिक शॉक दिए जाते हैं. हथकड़ी लगाकर खड़ा रखा जाता है.और कई बार उन्हें खाना तक नहीं दिया जाता.
मौत जैसा टॉर्चर
पीड़ित नंदन शाह ने बताया कि मुझे लहूलुहान करके जंगल में फेंक दिया गया. एक अन्य पीड़ित ने कहा कि सात से बारह मिनट तक मुझे इलेक्ट्रिक शॉक दिए जाते थे. मुस्लिम युवाओं को पोर्क युक्त खाना जबरन खिलाने की भी शिकायतें सामने आई हैं.
बचाए गए पीड़ित, एजेंट गिरफ्तार
महाराष्ट्र साइबर विभाग की बड़ी कार्रवाई में म्यांमार से 60 भारतीयों को छुड़ाया गया है. मई 2024 से ऐसी शिकायतों में भारी इजाफा हुआ है. अब तक कुल 540 से ज़्यादा पीड़ित भारतीयों को विदेशों से वापस लाया जा चुका है.
चीनी माफिया का स्कैम रैकेट
म्यांमार के मेवाडी इलाके के KKR पार्क-4 को स्कैम फैक्ट्री का अड्डा बताया गया है, जहां करीब 6000 लोग कैद हैं, जिनमें 700 के करीब भारतीय बताए जा रहे हैं. हर पीड़ित के बदले एजेंट 1000 डॉलर तक की रकम वसूलते हैं.
50 लाख रुपये की ठगी करने का टारगेट
एक व्यक्ति ने बताया कि कैसे उन्हें फेसबुक के जरिए लोगों को टारगेट करने के लिए कहा गया था. उनका मुख्य निशाना बुजुर्ग लोग थे, और उन्हें 50 लाख रुपये की ठगी करने का टारगेट दिया गया था. जब उन्होंने ठगी करने से मना किया, तो उनके साथ अत्याचार किया गया. उनके पेट में चाकू मार दिया गया, जिससे उन्हें लगा कि वे कभी भी अपने परिवार के पास वापस नहीं जा पाएंगे. उन्होंने बताया कि लाखों लोग वहां पर फंसे हुए हैं और उन्हें मजबूरन ठगी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. यह एक खतरनाक और अमानवीय स्थिति है जिसमें लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है.
नंदन शाह की आपबीती
नंदन शाह, पश्चिम चंपारण जिला, बिहार के रहने वाले ने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि कैसे एक व्यक्ति ने उन्हें विदेश भेजने का वादा किया था और इलेक्ट्रिशियन की नौकरी के लिए बात की थी. नंदन शाह ने बताया कि उन्हें दिल्ली से कोलकाता और फिर वियतनाम के लिए टिकट कराया गया था. वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी के एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद, उन्हें रोड से कंबोडिया ले जाया गया. लेकिन नंदन शाह को जल्द ही एहसास हुआ कि उन्हें धोखा दिया गया है. उन्हें बताया गया था कि उन्हें 900 डॉलर की सैलरी मिलेगी, लेकिन वास्तव में उनका किडनैप किया गया था. नंदन शाह ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि उनके साथ क्या होने वाला है और कैसे वे इस स्थिति से निकल पाएंगे.
मुझे एक दोस्त के जरिए एक एजेंट मिला. एजेंट ने बताया कि विदेश में होटल की अच्छी नौकरी है, जहां 75 हजार रुपये महीने की सैलरी मिलेगी. उन्होंने टिकट और होटल स्टे की व्यवस्था भी कर दी. शुरुआत में सब ठीक लगा, लेकिन असलियत बहुत डरावनी थी. हमें एक पार्क के पास ले जाया गया, जहां पहले भी लोगों से ठगी करवाई गई थी. यहां तक कि कुछ मामलों में लोगों की किडनी तक निकाल ली गई थी. हमें वहां साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी गई और बताया गया कि 50 लाख रुपये की ठगी करनी है. हम सभी को अंग्रेजी बोलने और टाइपिंग की ट्रेनिंग दी गई. बाद में टाइपिंग स्पीड टेस्ट लिया गया. धीरे-धीरे हम सभी को नशे के चंगुल में फंसा दिया गया. हमें भारत के बड़े शहरों के अमीर लोगों को टारगेट करने का काम दिया गया. हमने कभी सोचा भी नहीं था कि होटल की नौकरी के नाम पर हमें एक ऐसे गुलामी और अपराध भरे जाल में धकेल दिया जाएगा.
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने म्यांमार और थाईलैंड में कार्रवाई करते हुए 60 युवाओं को साइबर ठगी के गिरोह से मुक्त कराया है. साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक आरोपी कजाकिस्तान से पकड़ा गया है. आरोप है कि इन युवाओं को बंधक बनाकर उनके वीजा और पासपोर्ट ले लिए जाते थे और हथियारों की धमकी देकर साइबर ठगी में धकेल दिया जाता था.