नीतीश पर मेहरबान मोदी सरकार, बिहार के लिए एक बार फिर खोल दिया खजाना, नायडू रह गए खाली हाथ!
Modi Sarkar Opened Treasure for Bihar: मोदी सरकार ने बिहार के लिए एक बार फिर खजाना खोल दिया है, लेकिन आंध्र प्रदेश के लिए इस बार कोई खास घोषणा नहीं की गई है. नीतीश की जेडीयू और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देश पार्टी दोनों ही बीजेपी सरकार की सहयोगी हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट में आंध्र प्रदेश के लिए खास ऐलान किया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने द्वारा पेश किए गए बजट में बिहार का खास ध्यान रखा गया है. केंद्र सरकार ने बिहार के लिए मखाना बोर्ड से लेकर 120 नई जगहों के लिए उड़ान स्कीम और आईआईटी पटना के विकास का ऐलान किया है.
बिहार को मखाना बोर्ड के अलावा फूड प्रोसेसिंग यानी खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट का गठन किया जाएगा. इस संस्था से पूर्वी भारत में पैकेजिंग फूड को बढ़ावा मिलेगा. इससे किसानों की आय बढ़ेगी जबकि पूर्व-पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा.
पिछले बजट में भी बिहार पर मेहरबान थी सरकार
इससे पहले मोदी सरकार का जो आखिरी बजट था, उसमें भी बिहार के लिए खजाना छोड़ दिया था. बिहार के रोड प्रोजेक्ट्स के लिए 26 हजार करोड़ रुपये दिए गए थे. वित्त मंत्री ने पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे की सौगात दी थी. इसके अलावा वैशाली और बोधगया के एक्सप्रेस-वे का भी ऐलान किया था. इसके अलावा 21400 करोड़ के बजट से 4200 मेगावाट पावर प्लांट तैयार करने का ऐलान किया था.
बजट में बिहार में पर्यटन को बढ़ाने पर जोर दिया गया था. काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बिहार में महाबोधि कॉरिडोर, राजगीर को टूरिस्ट सेंटर बनाने का ऐलान किया था. इसके साथ ही बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल भी बनाने के लिए बजट देने को कहा था.
आंध्र प्रदेश को बजट में क्या मिला था?
वहीं आंध्र प्रदेश की पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए बजट दिया, जोकि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी था. इसके अलावा निवेश को बढ़ावा देने के लिए और राज्य के आर्थिक विकास के लिए भी बजट दिया गया था. इतना नहीं आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती को विकसित करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये आवंटित हुए और अन्य विकास कार्यों के लिए अलग से 15 हजार करोड़ रुपये दिए गए थे.