जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेमिंग पर कराधान, फर्जी पंजीकरण पर लगाम पर करेगी विचार
जीएसटी परिषद मंगलवार को होने वाली बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर कराधान, उपयोगी वाहनों की परिभाषा और पंजीकरण तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के नियमों को सख्त करने पर विचार किया जा सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली परिषद सिनेमाघारों में परोसे जाने वाले खाद्य एवं पेय पदार्थों तथा विशेष चिकित्सा उद्देश्य के लिये भोजन (एफएसएमपी) के आयात पर लगने वाली जीएसटी दर को भी स्पष्ट कर सकती है. इसके साथ कैंसर के इलाज में उपयोगी व्यक्तिगत रूप से आयातित दवा डिनुटूक्सिमैब को कर से छूट देने पर भी निर्णय लिया जा सकता है. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं.
इसके अलावा बैठक में अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना के लिये रूपरेखा को अंतिम रूप देने और बजटीय समर्थन योजना के तहत 11 पहाड़ी राज्यों में केंद्रीय जीएसटी की पूरी तरह भरपाई और एकीकृत जीएसटी की 50 प्रतिशत भरपाई की उद्योगों की मांग पर भी विचार किया जा सकता है.
परिषद फर्जी पंजीकरण पर लगाम लगाने के लिये नियमों को कड़ा कर सकती है. इसके तहत पंजीकरण चाहने वाले व्यक्ति के पैन से जुड़े बैंक खाते का ब्योरा कर अधिकारियों के पास जमा करने को लेकर समय अवधि मौजूदा 45 दिनों से घटाकर 30 दिन की जा सकती है.
परिषद 11 जुलाई को होने वाली बैठक में जीएसटी पंजीकरण देने से पहले ‘उच्च जोखिम’ वाले आवेदकों के कारोबारी परिसर के अनिवार्य भौतिक सत्यापन का भी प्रावधान कर सकती है.
इसके अलावा, जीएसटी कानून में नये नियम पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. इसके तहत कंपनियों को अतिरिक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने या सरकारी खजाने में राशि जमा करने के कारणों के बारे में बताना होगा.
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अगुवाई वाले मंत्री समूह की ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कसीनो के बारे में दी गई रिपोर्ट पर भी विचार होने की संभावना है.
मंत्री समूह (जीओएम) ने इन तीनों खंड़ों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने पर व्यापक रूप से सहमति जतायी है. हालांकि ऑनलाइन गेमिंग पर कर की दर को लेकर गोवा असहमत है.
गोवा ने इस पर 18 प्रतिशत कर लगाने का सुझाव दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि पुरस्कार पूल में योगदान को आपूर्ति माना जाए और इस पर जीएसटी नहीं लगाया जाए.
इस बारे में अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद करेगी.
इसके साथ, 22 प्रतिशत उपकर लगाने के लिये उपयोगी वाहनों की परिभाषा भी स्पष्ट की जा सकती है.
कर निर्धारण से संबद्ध समिति ने 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 22 प्रतिशत क्षतिपूर्ति उपकर लगाने के मामले में बहु-उपयोगी वाहन (एमयूवी) या बहुउद्देशीय वाहन या क्रॉसओवर यूटिलिटी वाहन (एक्सयूवी) को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) की तरह परिभाषित करने की सिफारिश की है. इस समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं.
समिति ने सिफारिश की है कि चाहे वे किसी भी नाम से पुकारे जाएं, सभी उपयोगी वाहनों पर 22 प्रतिशत उपकर लगेगा. लेकिन इसके लिये शर्त यह है कि वे तीन मापदंडों… लंबाई चार मीटर से अधिक, इंजन क्षमता 1,500 सीसी से ज्यादा और ग्राउंड क्लीयरेंस ‘बिना लोड वाली स्थिति’ में 170 मिमी (मिलीमीटर) से अधिक…को पूरा करते हों.
कर निर्धारण समिति ने जीएसटी परिषद से यह भी कहा है कि सिनेमा हॉल में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाए. फिलहाल कुछ मल्टीप्लेक्स में इन पर 18 प्रतिशत कर लगाया जा रहा है.
व्यक्तिगत उपयोग के लिये व्यक्तियों द्वारा कैंसर की दवा डिनुटूक्सिमैब (क्वारजीब) के आयात पर 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी लगता है. निर्धारण समिति ने कहा कि जिस दवा की लागत ही 36 लाख रुपये है, उसे जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए.
इसके अलावा, परिषद निजी कंपनियों की तरफ से प्रदान की जाने वाली उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को लेकर जीएसटी छूट पर भी निर्णय कर सकती है.