उत्तर प्रदेश में ई-वे बिल की 100 फीसदी स्कैनिंग अनिवार्य, व्यापारियों ने जताई चिंता
<p style="text-align: justify;"><strong>Uttar Pradesh News Today:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार ने ई वे बिल की सौ फीसदी स्कैनिंग के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद अब प्रतिष्ठानों से निकलने वाले वाहनों पर लोड सामान और जारी हुए ई वे बिल का निरीक्षण करने के बाद ही गोदाम, वेयरहाउस ओर कंपनियों के बाहर माल जा सकेगा. </p>
<p style="text-align: justify;">ई-वे बिल में दर्ज माल की संख्या और क्वांटिटी के मिलान की निगरानी की जा रही है, शहर के सभी पान मसाला कारोबारियों के ठिकानों के बाहर निगरानी दस्ता मौजूद है. अधिकारियों के दस्ते कारोबारियों के ठिकानों और माल वाहन पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-वे बिल में दर्ज माल की मात्रा और वास्तविक माल में कोई अंतर न हो.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नवंबर से सौ फीसदी स्कैनिंग</strong><br />दरअसल, साल 2018 में तीन महीने के लिए ई वे बिल को ट्रायल किया गया था. ट्रायल सफल होने के बाद इसे जून 2018 में केंद्रीय स्तर पर लागू किया गया. इससे पहले मार्च 2018 तक सभी राज्य अपना अलग- अलग टैक्स लिया करते थे, लेकिन 21 नवंबर 2024 को राज्य सरकार ने ई वे बिल की सौ फीसदी स्कैनिंग के आदेश दिए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">इसमें पान मसाला कारोबारियों के साथ लेगा कारोबारियों को भी शामिल किया गया. इससे पहले रास्ते में पकड़े गए माल में अगर ई वे बिल ओर लोड किए गए माल में फर्क मिलता था तो अक्सर अधिकारियों की मिली भगत से इसे पास कर दिया जाता था. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>17 टीमें करेंगी निगरानी</strong><br />इस पर लगाम लगाने के लिए अब लोहा कारोबारियों और पान मसला कारोबारियों की हर यूनिट के बाहर स्टेट जीसीटी की टीम को तैनात कर दिया गया है. जब किसी भी गोदाम या फैक्ट्री से माल निकलेगा तो उसे अपने दस्तावेज पूरे करने होंगे और बाहर खड़े अधिकारियों की टीम ई वे बिल का निरीक्षण करेगी. इसमें हैरानी की बात ये है कि इस आदेश को लेकर न तो स्टेट जीसीटी के अधिकारी और न ही व्यापारी कैमरे के सामने कुछ बोलने को तैयार हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">इस शासनादेश को लेकर दिए गए निर्देश पर शहर ओर देहात क्षेत्र के लगभग 14 स्थान जो कारोबार से जुड़े हैं, उन्हें चिन्हित किया गया है. इनमें एसएनके मसाला, रॉयल मसाला, मधु पान मसाला, शिखर पान मसाला, केसर, तिरंगा, सिग्नेचर, शुद्ध प्लस, किसान पान मसाला शामिल है. </p>
<p style="text-align: justify;">इन कंपनियों के ठिकानों के बाहर जीसीटी की टीम तैनात की गई है. इस निर्देश के पालन के लिए जिले की 17 टीमों को तैनात किया गया है, जो 24 घंटे प्रतिष्ठानों की निगरानी करेंगे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’व्यपारियों का नहीं होगा अहित'</strong><br />इस बाबत अपर आयुक्त शशांक शेखर ने ऑफ कैमरा बताया कि शासन के निर्देश को पूरी तरह से पालन किया जाएगा. हमारी टीमें काम कर रही हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि शासन के इस निर्देश से व्यापारियों के हितों का नुकसान नहीं होगा. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>व्यापारियों ने जताई ये आशंका</strong><br />दूसरी तरफ कुछ व्यापारियों ने बताया कि इस तरह का कोई भी गलत काम व्यापारी वर्ग नहीं कर रहा है, लेकिन इस आदेश के जरिये उत्पीड़न किया जा रहा है. इससे व्यापारियों में भय का माहौल व्याप्त है.</p>
<p style="text-align: justify;">व्यापारियों को डर है कि अधिकारी अपने ऊपर के अधिकारियों को खुश करने के लिए 24 घंटे की जाने वाली मॉनिटरिंग में कुछ न कुछ कमी जरूर निकालेंगे और फिर व्यापारियों पर पेनल्टी लगाएंगे. ये किसी भी लिहाज से सही नहीं होगा.</p>
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