उत्तराखंड में उफान पर नदियां , सड़कों पर आया सैलाब; भारी बारिश के कारण पौड़ी में स्कूल बंद
पहाड़ों में बारिश हमेशा ही मुसीबत का सबब बनकर आती है. इस बार फिर से उत्तराखंड में बारिश का कहन देखने को मिल रहा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में गराज के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है. वहीं देहरादून समेत पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश को देखते ही तमाम एहतियात भी बरती जा रही है.
पौड़ी में भारी बारिश को देखते हुए स्कूल बंद
भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए पौड़ी में स्कूलों को बंद रखने के आदेश हुए हैं. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कक्षा एक से लेकर 12 तक के सभी स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए हैं. मौसम विज्ञान केंद्र ने कुमाऊं में अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड में कई हिस्सों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी है. सभी जिलाधिकारी को यह निर्देश दिए गए हैं कि आपदा की स्थिति में तुरंत बचाव कार्य या फिर अगर सड़के बंद होती है तो PWD या फिर अन्य संबंधित विभाग सड़क को तुरंत खोलें. वही आपदा प्रबंधन विभाग एसडीआरएफ एनडीआरएफ जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
देहरादून, हरिद्वार , टिहरी और पौड़ी जिले के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है, जिसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है. अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. जिसके कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और चट्टान गिरने की आशंका है. गढ़वाल मंडल में 6 और 7 जुलाई को बारिश बढ़ने की भी संभावना है. बारिश के अलर्ट के साथ ही प्रशासन भी सतर्क हो गया है. मौसम विभाग ने कुमाऊं के जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट और गढ़वाल मंडल के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
उत्तराखंड में हाईवे समेत 113 सड़कें बंद
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान भारी बारिश के बीच भूस्खलन के कारण मलबा आने से छह स्टेट हाईवे समेत प्रदेश की 113 सड़कें बंद हो गईं. इनमें सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों की सड़कें शामिल हैं. हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने कुछ सड़कों को खोल दिया है. अब भी बहुत सी सड़कें बंद हैं और उन्हें खोलने के लिए मशीनरी मौके पर तैनात है. मौसम विभाग के अनुसार, सभी जिलों में तेज बारिश होने से जलभराव और भूस्खलन की समस्या हो सकती है.
ऐसे में इन इलाकों के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. हालत यह है कि बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर पागल नल और पीपल कोठी के पास मलबा आने के कारण सड़क अवरुद्ध हो गई, इसके अलावा यमुनोत्री हाइवे पर डाबर कोर्ट के निकट मलबे के कारण सड़क बंद हो गई. वही पिथौरागढ़ में धारचूला और तवा घाट नेशनल हाईवे पर एक बड़े भूस्खलन होने के कारण 2 दिन से सड़क फिलहाल अभी बंद है.
बद्रीनाथ में अलकनंदा नदी खतरे के निशान के पार
मूसलाधार बारिश के चलते उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में अलकनंदा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. तप्त कुंड से अलकनंदा नदी पहले 15 फीट नीचे बहती थी, अब इसका जल स्तर महज 6 फीट रह गया है. नदी के रौद्र रूप ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. जिला प्रशासन भी एक्शन मोड में आ गया है। पुलिस ने तप्त कुंड को खाली करवा दिया है. साथ ही चार धाम यात्रियों और आस-पास के इलाकों के स्थानीय निवासियों को भी सतर्क कर दिया है. मंदिर के पुजारियों के अनुसार बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत खुदाई की वजह से अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
लोगों से नदियों किनारे ना जाने की अपील
खुदाई से निकलने वाले मलबे को नदी में डाला जा रहा है. रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि अलकनंदा नदी से 15 मीटर दूर भगवान शिव की 10 फीट मूर्ति तक डूब गई. इसके अलावा लगातार बारिश पहाड़ों पर हो रही है और नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. जिससे निचले इलाकों में तमाम जो घाट बनाए गए हैं वह डूब गए हैं. मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन ने एडवाइजरी जारी की है कि नदियों के जलस्तर बनने के चलते नदियों के किनारे लोग ना जाएं.
राज्य की कौन-कौन सी नदियां उफान पर
गंगा, अलकनंदा, भागीरथी, शारदा, मंदाकिनी और कोसी समेत कई ऐसी नदियां हैं जो भारी बारिश के चलते उफान पर है. उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में बारिश के आंकड़ों पर नजर डाले तो अल्मोड़ा के चौखुटिया में 72.5 ,भैंसियाछाना 62, लोहाघाट में 59, चंपावत में 45, काशीपुर में 42, भीमताल में 38, हल्द्वानी में 31, और चमोली में 26, एमएम बारिश दर्ज हुई. मौसम विभाग के माने तो प्रदेश में 7 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी पहले ही जारी कर दी गई है. इसके अलावा कुमाऊं में 5 जुलाई तक रेड अलर्ट और गढ़वाल रीजन में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है.
- गंगा नदी का जलस्तर 291.45 मीटर,खतरे का स्तर 294 मीटर
- अलकनंदा नदी का जलस्तर 623 मीटर , खतरे का स्तर 627 मीटर
- मंदाकनी नदी का जलस्तर 621.70 मीटर, खतरे का स्तर 626 मीटर
- भागीरथी नदी का जलस्तर 1119.60 मीटर ,खतरे का स्तर 1123 मीटर
- सरयू नदी का जलस्तर 866 मीटर, खतरे का स्तर 870.70 मीटर
- गोमती नदी का जलस्तर 862.80मीटर, खतरे का स्तर 870.70मीटर
- काली नदी का जलस्तर 888.90 मीटर, खतरे का स्तर 890 मीटर
- गौरी नदी का जलस्तर 604.35 मीटर, खतरे का स्तर 607.80मीटर
- शारदा नदी का जलस्तर 218.70मीटर, खतरे का स्तर 221.70 मीटर
(भाषा और आईएएनएस इनपुट्स के साथ)