आज ही बने CM, क्या फिर से छिन जाएगी कुर्सी? हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची ED
Money Laundering Case: जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने सोमवार (8 जुलाई) को झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर फिर से शपथ ली. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
ईडी ने तर्क दिया है कि जमीन घोटाले के मामले में हाई कोर्ट का आदेश ‘अवैध’ है और इसमें सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत है. हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दी थी. इस फैसले को ईडी ने चुनौती दी है. एजेंसी का दावा है कि हाई कोर्ट के फैसले में घोटाला मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी की गई है. ईडी ने दावा किया है कि जेएमएम नेता सोरेन के खिलाफ सबूत मजबूत हैं और उनकी जमानत अनुचित है.
सुप्रीम कोर्ट जल्द करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट जल्द ही जमानत आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई करेगा. हेमंत सोरेन के लिए इसका नतीजा महत्वपूर्ण होगा और झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. झारखंड के सीएम सोरेन 28 जून को रांची की बिरसा मुंडा जेल से बाहर आये थे और रिहाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया और विश्वास मत जीतकर फिर से मुख्यमंत्री बन गए.
31 जनवरी को ईडी ने किया था गिरफ्तार
इससे पहले, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें ईडी ने 31 जनवरी को रांची के राजभवन से गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के समय सोरेन ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला थोपा है.
इस साल की शुरूआत में भूमि घोटाले के सिलसिले में ईडी ने सोरेन के अलावा आईएएस अधिकारी और रांची के पूर्व डिप्टी कमिश्नर छवि रंजन, भानु प्रताप प्रसाद के साथ-साथ 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था.
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